ऑपरेशन सिंदूर पर जयशंकर का बड़ा बयान: “खून और पानी साथ नहीं बह सकते”

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30 जुलाई: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को राज्यसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए पाकिस्तान, आतंकवाद और वैश्विक कूटनीति को लेकर कई अहम बिंदु रखे। इसके बाद भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने भी सभा को संबोधित किया। इस बहस का समापन गृह मंत्री अमित शाह के संबोधन से होने की संभावना है।

ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की थी। इस ऑपरेशन पर सोमवार को लोकसभा और मंगलवार से राज्यसभा में बहस चल रही है। जयशंकर ने बताया कि यह अभियान आतंकवाद के खिलाफ भारत की निर्णायक नीति का प्रतिबिंब है।

UNSC की रिपोर्ट में TRF का जिक्र

जयशंकर ने कहा कि पहली बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की निगरानी समिति (UNSC Monitoring Committee) ने ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) का अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया है। TRF ने ही पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी। भारत अब इस संगठन को प्रतिबंधित कराने के लिए मामले को सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति के समक्ष रखेगा।

सिंधु जल संधि पर दो टूक

पाकिस्तान को लेकर विदेश मंत्री का रुख बेहद सख्त रहा। उन्होंने साफ कहा, “जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करता रहेगा, सिंधु जल संधि निलंबित रहेगी। खून और पानी साथ नहीं बह सकते।”

वैश्विक मंचों पर आतंकवाद को एजेंडे में लाया भारत

जयशंकर ने बताया कि भारत ने पिछले एक दशक में BRICS, SCO, QUAD जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंकवाद का मुद्दा मजबूती से उठाया। उन्होंने 26 साल से फरार आतंकी तहव्वुर राणा की प्रत्यर्पण प्रक्रिया को मोदी सरकार की कूटनीतिक सफलता बताया।

“मोदी-ट्रंप के बीच कोई संवाद नहीं हुआ”

जयशंकर ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया, “22 अप्रैल से 16 जून के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच कोई भी संवाद नहीं हुआ।” भारत ने साफ किया कि किसी भी तीसरे देश को भारत-पाक मसले में मध्यस्थता का कोई अधिकार नहीं है।

अमेरिकी चेतावनी और भारत की जवाबी कार्रवाई

विदेश मंत्री ने बताया कि 9 मई को अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस ने पीएम मोदी को फोन कर पाकिस्तान के संभावित हमले की चेतावनी दी थी। जवाब में पीएम ने कहा कि भारत उचित और निर्णायक कार्रवाई करेगा। इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान की वायु रक्षा प्रणाली और एयरबेस को निष्क्रिय कर दिया।

“भारत पर नहीं पड़ा कोई वैश्विक दबाव”

जयशंकर ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन के दौरान भारत पर किसी देश ने कोई दबाव नहीं डाला। व्यापारिक रिश्तों पर भी इसका कोई असर नहीं पड़ा। उन्होंने दोहराया कि भारत अपने सुरक्षा हितों से कोई समझौता नहीं करेगा।

पीएम मोदी का लोकसभा में बड़ा बयान

प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में कहा कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के ज़रिए 100% लक्ष्य प्राप्त किए। उन्होंने कांग्रेस पर पाकिस्तान की लाइन पर बोलने का आरोप लगाया और कहा कि भविष्य में अगर पाकिस्तान ने कोई दुस्साहस किया, तो भारत निर्णायक जवाब देगा।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल एक सैन्य अभियान नहीं, बल्कि भारत की नई सुरक्षा और कूटनीतिक सोच का प्रतीक बनकर उभरा है। जयशंकर के राज्यसभा में बयान से स्पष्ट है कि भारत अब न केवल आंतरिक सुरक्षा के मोर्चे पर बल्कि वैश्विक मंचों पर भी आतंकवाद के खिलाफ मुखर हुआ है।

 

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