समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 26 मार्च। किसान नेता राकेश टिकैत ने एक बार फिर सरकार के सामने अपनी मांगें रखी हैं। साथ ही उन्होंने चेतावनी भी दी है कि अगर जरूरत पड़ी तो वे दोबारा आंदोलन के लिए भी तैयार हैं। हाल ही में उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अपनी मांगों से अवगत कराया है। बीते साल खत्म हुए आंदोलन के दौरान टिकैत बड़े किसान नेता के रूप में सामने आए थे। सरकार ने नवंबर 2021 में तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया था।
किसानों का संघर्ष खत्म नहीं हुआ
मोहाली में टिकैत ने करीब 50 फार्म यूनियन और सामाजिक संगठनों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि किसानों का संघर्ष खत्म नहीं हुआ है और अगर केंद्र को लगता है कि संयुक्त किसान मोर्चा बंट गया है तो वे गलत हैं। उन्होंने संकेत दिए हैं कि वे दोबारा आंदोलन करने के लिए भी तैयार हैं।
आशीष मिश्रा और उनके सहयोगियों को सजा देने की मांग की
किसानों ने बीबीएमबी में पंजाब और हरियाणा के सदस्यों के स्थाई प्रतिनिधित्व को खत्म करने का फैसला वापस लेने की मांग की है। इसके अलावा पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के सिलेबस की किताबों में सिख इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई, लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई और आशीष मिश्रा और उनके सहयोगियों को सजा देने की मांग की है।
टिकैत ने सरकार के सामने ये मांगें रखीं
इसके अलावा किसान नेता किसान कैदियों की रिहाई, स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों के आधार पर सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने के लिए कानून और एमएसपी के तहत सभी फसलों की खरीद की गारंटी की मांग कर रहे हैं। टिकैत और डॉक्टर दर्शन पाल के नेतृत्व में 35 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल बनवाली लाल पुरोहित के जरिए राष्ट्रपति कोविंद को मेमोरेंडम सौंपा है।
Comments are closed.