समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11 मार्च। पांच राज्यों के चुनाव में कांग्रेस की हार को लेकर पार्टी के नाराज नेताओं का जी-23 मंथन कर रहा है। असंतुष्ट नेताओं के इस समूह से जुड़े पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने चुनाव परिणाम और रुझानों के लिए सीधे राहुल गांधी से सवाल पूछने को कहा है। मनीष तिवारी ने कहा कि कांग्रेस की इस हालत का जवाब राहुल गांधी ही देंगे।
मनीष तिवारी कांग्रेस की रणनीतियों से खफा
कांग्रेस के कई कद्दावर नेताओं के जी-23 ग्रुप से जुड़े पंजाब के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी कांग्रेस की रणनीतियों से खासे खफा हैं। मीडिया से बातचीत में मनीष तिवारी का दो टूक जवाब था कि यह सवाल राहुल गांधी से किया जाना चाहिए। तिवारी ने कहा कि कांग्रेस के इस प्रदर्शन पर राहुल गांधी जवाब देंगे। पार्टी की नीतियों से खफा तिवारी की तल्खी अभी भी बरकरार है।
पंजाब के सांसद फिर भी नहीं बनाया स्टार प्रचारक
दरअसल मनीष तिवारी को सांसद होने के बाद भी पंजाब में पार्टी का स्टार प्रचारक तक नहीं बनाया था। पंजाब ही नहीं बल्कि जिन पांच राज्यों में चुनाव हुआ वहां कांग्रेस के लचर प्रदर्शन पर मनीष तिवारी का कहना है कि शाम तक परिणाम आ जाएंगे उसके बाद ही कुछ आगे बात की जा सकेगी। दरअसल कांग्रेस के नाराज नेता लगातार पार्टी की नीति रणनीति और नेतृत्व पर सवाल उठाते रहे हैं। अब जब पांच राज्यों के चुनाव परिणाम कांग्रेस की अपेक्षा के अनुरूप नहीं आए हैं तो निश्चित तौर पर कांग्रेस के नाराज नेताओं को बड़ा मौका मिला है।
नतीजों का पहले से अंदाजा था
कांग्रेस के जी-23 ग्रुप से जुड़े हुए एक और वरिष्ठ नेता का कहना है कि उनको तो पंजाब समेत अन्य राज्यों के परिणामों का पहले से ही अंदाजा था। वरिष्ठ नेता का कहना है कि जब तक पार्टी में चापलूस और नेतृत्व की आंखों में धूल झोंकने वाले लोगों को राइट टाइम नहीं किया जाता है तब तक पार्टी ऐसे ही बिखराव की ओर बढ़ती रहेगी। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जी-23 से जुड़े नेताओं से हुई बातचीत के अनुसार यह था कि पंजाब में कांग्रेस सत्ता से बाहर हो रही है और उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी की मेहनत बेकार जा रही है।
कद्दावर नेताओं को नजरअंदाज किया गया
जी-23 ग्रुप से जुड़े एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि पंजाब में कांग्रेस के कई कद्दावर नेताओं को दरकिनार कर जिस तरीके से टिकट वितरण किया गया और पंजाब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का पूर्व मुख्यमंत्री रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच तू-तू मैं-मैं हुई, उससे पार्टी के कार्यकर्ताओं का न सिर्फ मनोबल टूटा बल्कि उनको दूसरे बेहतर विकल्प भी मिले। वो कहते हैं कि चुनाव के दौरान पंजाब से पार्टी के बड़े नेताओं का अलग हो जाना भी पार्टी नेतृत्व की कमजोरी रही।
अंदर ही अंदर खोखली हो रही कांग्रेस
पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का पूरी तरीके से सूपड़ा साफ होता जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस अंदरूनी राजनीति से जूझती जा रही है। यही बड़ी वजह है कि पार्टी मजबूत होने की बजाय अंदर ही अंदर खोखली हो रही है। जिस तरीके से पंजाब में कांग्रेस ने दलित मुख्यमंत्री का चेहरा बनाकर एक बड़े जातिगत समीकरणों को साधने की कोशिश की थी लेकिन आम आदमी पार्टी की सुनामी में सारे जातिगत समीकरण ध्वस्त हो गए।
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