राष्ट्र सेविका समिति महिलाओं का सबसे बड़ा संगठन

राष्ट्र सेविका समिति महिलाओं का सबसे बड़ा संगठन,भारतीय महिलाओं के उत्थान के लिए 1936 वर्षों से कार्यरत है वर्ष 2024 मे 88 वर्ष पूरे हो गए हैं|

आज माननीय शांता कुमारी जी राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका की उपस्थिति में दिल्ली प्रांत ने एक अनोखा कार्यक्रम शाखा संगम का आयोजन किया जिसमें महिला वर्ग के आत्मविश्वास और राष्ट्र निर्माण का एक अनोखा उदाहरण प्रस्तुत हुआ | 1000 से अधिक बालिकाएं, तरुणी, मध्यम आयुवर्ग की महिलाएं एवं वृद्ध महिलाओं जो प्रशिक्षित सेविकाएं है,समिति के गणवेश मे महिला समन्वय का भव्य उदाहरण प्रस्तुत किया |प्रेरित नवीन सेविकाएं भी उपस्थित रहीं | दिल्ली प्रांत की 150 से अधिक गणमान्य महिलाओं ने अपनी उपस्थिति से इन सेविकाओं का प्रोत्साहन किया| राष्ट्र सेविका समिति शाखा के माध्यम से महिलाओं का सर्वांगीण विकास हेतु कार्य कर रहा है। |शाखाएं निरंतर तीव्र गति से प्रतिदिन तरुनियों को जोड़कर उनकी योग्यताओं को बढ़ा रही है संगठित कर रही है और देशभक्ति का भाव जागृत कर रही है इस अनोखे शाखा संगम में दिल्ली प्रांत की 30 शाखाओं द्वारा भगवा ध्वज को प्रणाम, एक स्वर में प्रार्थना, सूर्य नमस्कार गण समता ,खेल व्यायाम एवं योग की प्रस्तुति दी गई।

देवी अहिल्याबाई होल्कर जी के त्रि शताब्दी वर्ष में उनको श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए एक व्यायाम योग की प्रस्तुति तथा कल योगिनी राज योगिनी गीत से श्रद्धांजलि दी गई।

 

एवरीवन नेचरली की प्रबंध निदेशक रीवा सूद जी एवं शशि बुबना जी मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई | रीवा सूद जी ने अपने मधुर वचनों से सेविकाओं के अनुषाशन की सहरना करी और और समझाया की तन,मन मे अगर धन भी जुड़ जाए तो महिला शशक्त रहेगी| रीवा जी ने यमुना जी पर चिंता व्यक्त करते हुए और छठ पूजन मे असुविधा के लिए अपनी पीड़ा सांझा किया |

 

राष्ट्र सेविका समिति वर्ष 2026 में 90 वर्ष पूर्ण होंगे इस अवसर पर दिल्ली प्रांत ने अपने लिए लक्ष्य रखा है कि प्रांत में 900 प्रशिक्षित सेविकाएं तथा 90 घोष वादक सेविकाएं का विराट पत्र संचालन कार्यक्रम 2026 में करेंगे| अखिल भारतीय प्रमुख संचालिका शांता कुमारी जी ने इस लक्ष्य को राष्ट्रनिर्माण और महिलाओं के उत्थान के लिए एक आवश्यक योजना बताया, जो आने वाले तरुणी और बालिकाओं को प्रेरित करेगी और सामाजिक दृष्टि से महिलाओं की भूमिका के लिए उनकी चेतना को विकसित करेगी श्रीमती शांता कुमारी चीन गीता के 16 अध्याय का अनुसरण करने का आवाहन किया.16 वाँ अध्याय नारी को अभय और निर्भयम का मार्गदर्शन करता है जिससे नारी सुशीला, सुधीरा, समरधा समेधा की ओर अग्रसेर हो

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