राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंबाला एयरबेस से राफेल विमान में भरी उड़ान

राफेल विमान में उड़ान ने राष्ट्र की रक्षा क्षमताओं पर मेरा गर्व और बढ़ाया, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

  • राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अंबाला वायुसेना स्टेशन पर राफेल विमान में sortie (उड़ान) भरी।
  • वे ऐसी पहली भारतीय राष्ट्रपति बनीं जिन्होंने दो लड़ाकू विमानों, सुखोई-30 एमकेआई और राफेल, दोनों में उड़ान भरी।
  • उड़ान लगभग 30 मिनट तक चली, जिसमें विमान ने 15,000 फीट ऊंचाई और 700 किमी/घंटा की रफ्तार हासिल की।
  • राष्ट्रपति ने कहा, “यह अनुभव राष्ट्र की रक्षा क्षमताओं पर गर्व और विश्वास को और गहरा करता है।”

समग्र समाचार सेवा
अंबाला, हरियाणा,29 अक्टूबर:भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने आज इतिहास रच दिया। उन्होंने हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन (Air Force Station Ambala) से अत्याधुनिक राफेल लड़ाकू विमान (Rafale Aircraft) में उड़ान भरी। इस प्रकार वे भारतीय गणराज्य के इतिहास में ऐसी पहली राष्ट्रपति बन गई हैं जिन्होंने भारतीय वायुसेना के दो शक्तिशाली विमानों, सुखोई-30 एमकेआई और राफेल, दोनों में उड़ान का अनुभव प्राप्त किया है।

राष्ट्रपति का यह sortie लगभग 30 मिनट तक चला, जिसमें उन्होंने करीब 200 किलोमीटर की दूरी तय की। इस उड़ान के दौरान विमान को ग्रुप कैप्टन अमित गेहानी, कमांडिंग ऑफिसर, 17 स्क्वाड्रन (Golden Arrows), ने संचालित किया। विमान ने करीब 15,000 फीट की ऊंचाई और 700 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरी।

राष्ट्रपति का अनुभव और संदेश

उड़ान के बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने विज़िटर बुक में लिखा —

“भारतीय वायुसेना के राफेल विमान में मेरी पहली उड़ान एक अविस्मरणीय अनुभव रही। इस शक्तिशाली विमान ने मुझे राष्ट्र की रक्षा क्षमताओं पर और अधिक गर्व महसूस कराया है। मैं भारतीय वायुसेना और अंबाला वायुसेना स्टेशन की पूरी टीम को इस सफल आयोजन के लिए हार्दिक बधाई देती हूँ।”

उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना के जांबाज़ अधिकारी देश की सीमाओं की सुरक्षा में जो साहस और तकनीकी दक्षता दिखा रहे हैं, वह हर भारतीय के लिए गर्व की बात है।

राफेल स्क्वाड्रन की भूमिका

अंबाला वायुसेना स्टेशन भारतीय वायुसेना का वह पहला बेस है, जहां डसॉल्ट एविएशन (Dassault Aviation) से आए राफेल विमानों की तैनाती की गई थी। 17 स्क्वाड्रन, जिसे “Golden Arrows” कहा जाता है, भारतीय वायुसेना की सबसे प्रतिष्ठित इकाइयों में से एक है। राफेल विमानों की मौजूदगी से भारतीय वायुसेना की सामरिक (strategic) और रक्षात्मक क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।

राष्ट्रपति को उड़ान से पहले राफेल विमान की ऑपरेशनल और तकनीकी क्षमताओं के बारे में विस्तार से बताया गया। इस अवसर पर कई वरिष्ठ अधिकारी और वायुसेना के उच्च अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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