RBI ने की घोषणा, 30 सितंबर को रेपो दर में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी, जानें इससे आपके जीवन पर क्या पड़ेगा असर

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30सितंबर। लगातार उच्च मुद्रास्फीति के खिलाफ अपनी लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए, बाजार की उम्मीदों के अनुरूप, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 30 सितंबर को रेपो दर में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी की घोषणा की है.
नीतिगत फैसले की घोषणा करते हुए, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने मुद्रास्फीति पर दर-निर्धारण पैनल की चिंता पर प्रकाश डाला और कहा कि केंद्रीय बैंक मूल्य की स्थिति को करीब से देख रहा है. दास ने कहा कि छह नीति सदस्यों में से पांच ने 50 आधार अंकों की दर वृद्धि के पक्ष में मतदान किया.

आरबीआई के रेपो रेट में बढ़ोतरी करने से बैंकों को आरबीआई से मिलने वाला कर्ज महंगा हो जाएगा. बैंकों को जब महंगी दर पर लोन मिलेगा तो बैंक उसको उपभोक्ताओं पर पास-ऑन करेंगे. जिससे नया लोन महंगी दर पर मिलेगा. साथ ही पहले से चल रहे लोन की किस्त भी बढ़ जाएगी या यह हो सकता है कि उपभोक्ता और बैंक के बीच समझौते से उनकी ईएमआई न बढ़ाकर लोन चुकाने के समय में बढ़ोतरी की जाए. इसमें ऑटो लोन, पर्सनल लोन और होम लोन शामिल हैं.

क्या होता है रेपो रेट?
रेपो वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक बैंकों को अल्पकालिक धन उधार देता है. एक बीपीएस प्रतिशत अंक का सौवां हिस्सा है. नवीनतम दर वृद्धि के साथ, रेपो दर अब 5.9% है.

शक्तिकांत दास ने कहा कि खाद्य कीमतों में तेजी का जोखिम है और कम बुवाई से कीमतों का दबाव बढ़ा है. जिसका खाद्य मुद्रास्फीति के लिए इन जोखिमों का मुद्रास्फीति की उम्मीदों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.

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