आरबीआई ने रेपो रेट व रिवर्स रेपो नहीं बदली, देश की जीडीपी गिरेगी

समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 8 अप्रैल। भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की बैठक 6 अप्रैल को शुरू हुई थी। इसके बाद आरबीआई की तरफ से रेपो रेट को लेकर बड़ा ऐलान किया गया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) गवर्नर शक्तिकांत दास  ने शुक्रवार को मॉनिटरी पॉलिसी का ऐलान किया। एमजीसी ने पॉलिसी दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट 4 फीसदी पर बरकरार है। ये लगातार 11वीं बार है जब केंद्रीय बैंक ने ब्‍याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। इससे पहले, रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 22 मई 2020 को रेपो रेट में बदलाव किया था। हालांकि केंद्रीय बैंक ने देश की जीडीपी गिरने का अनुमान जताया है।

देश की विकास दर 7.2 रहने का अनुमान

भारतीय रिजर्व बैंक ने वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर को संशोधित कर 7.2 प्रतिशत कर दिया, जो फरवरी माह में वित्त वर्ष 23 के लिए 7.8 प्रतिशत थी. एमपीसी के फैसले पर एक प्रेस वार्ता में, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने जीडीपी विकास दर पर कम होने की उम्मीदों को कम कर दिया है।

2021-22 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में 8.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई

2021-22 में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में 8.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई। घरेलू मांग के निजी खपत और निश्चित निवेश प्रमुख चालक, इन दो घटकों के साथ उनके पूर्व-महामारी के स्तर से क्रमशः केवल 1.2 प्रतिशत और 2 प्रतिशत ऊपर हैं। आपूर्ति पक्ष पर, संपर्क गहन सेवाएं अभी भी 2019-20 के स्तर से पीछे हैं। फिर भी भारतीय अर्थव्यवस्था अपने महामारी प्रेरित संकुचन से लगातार पुनर्जीवित हो रही है।

रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास के मुताबिक, रिवर्स रेपो रेट में भी कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। यह भी 3.35 फीसदी हो गया है। मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी रेट (एमएसएफआर) और बैंक रेट 4.25 फीसदी रहेगा। पॉलिसी का रुख ‘अकोमोडेटिव’ रखा गया है। आगे चलकर अकोमोडेटिव रुख में बदलाव करेंगे।

सप्लाई चिंता से दबाव

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा कि दरों को लेकर अकोमोडेटिव रुख बरकरार है। सभी सदस्यों की सहमति से ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि सप्लाई चिंता को लेकर वैश्विक बाजारों में दबाव है। सप्लाई में बाधा से कमोडिटी बाजार में दबाव है।

इकोनॉमी को अभी सपोर्ट

गवर्नर ने कहा कि इकोनॉमी को अभी सपोर्ट की जरूरत है। ऐसे में मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी के सदस्यों ने मिलकर महत्वपूर्ण पॉलिसी रेट को बरकरार रखने का फैसला किया है। गवर्नर दास ने कहा कि इस समय इकोनॉमी के सामने डबल चुनौती है।

आरबीआई गवर्नर की बड़ी बातें

–    एफवाई 23 जीडीपी ग्रोथ अनुमान 7.8 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी

–    एफवाई 23  के Q2 में जीडीपी ग्रोथ अनुमान 7 फीसदी से घटाकर 6.2 फीसदी

–    एफवाई 23  के Q3 में जीडीपी ग्रोथ अनुमान 4.3 फीसदी से घटाकर 4.1 फीसदी

–    एफवाई 23  के Q4 में जीडीपी ग्रोथ अनुमान 4.5 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी

–    एफवाई 23  में महंगाई दर 5.7 फीसदी रहने का अनुमान

–    महंगाई दर अनुमान 4.5 फीसदी से बढ़ाकर 5.7 फीसदी किया

–    जीडीपी ग्रोथ अनुमान $100/बैरल पर आधारित

–    बाजार से धीरे-धीरे लिक्विडिटी बाहर निकालेंगे

–    एसडीएफ से मोनेटरी पॉलिसी फ्रेमवर्क मजबूत होगा

–    करेंसी मार्केट 18 अप्रैल से सुबह 9 बजे खुलेंगे

–    सस्टेनेबल फाइनेंस, क्लाइमेट रिस्क पर पेपर जारी करेंगे

–    सभी रेगुलेटेड कंपनियों में ग्राहकों की सर्विस स्टडी के लिए पैनल का गठन

–    एटीएम में बिना कार्ड के पैसे निकासी के प्रस्ताव पर काम जारी

–    पेमेंट सर्विस ऑपरेटर्स के लिए साइबर सिक्योरिटी गाइडलाइन्स जारी होंगे

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