ओपीडी में रजिस्ट्रेशन कराना हुआ आसान, बस करना होगा ये काम, जानिए डिटेल्स

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 7अक्टूबर। अब आपको ओपीडी में रजिस्ट्रेशन कराने के लिए लंबी कतारों में खड़े होने की जरूरत नहीं है, बस एक बार एक क्यूआर कोड स्कैन करिए और उसमें मांगी गई जानकारियां दीजिए, बस चुटकी बजाते ही हो जाएगा आपका रजिस्ट्रेशन राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (NHA) ने अपनी प्रमुख योजना आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) के तहत दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (LHMC) और श्रीमती सुचेता कृपलानी अस्पताल (SSKH) के नए ओपीडी ब्लॉक में ओपीडी पंजीकरण सेवा के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है.

नए और पुराने रोगियों के लिए सेवा होगी उपलब्ध
परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रेस बयान के अनुसार यह सेवा पुराने और साथ ही नए रोगियों के लिए होगी, जिसमें पंजीकरण कराने के लिए केवल एक क्यूआर कोड (QR Code )को स्कैन करने के बाद मांगी गई सूचना, जैसे- नाम, पिता का नाम, आयु, लिंग, पता, मोबाइल नंबर आदि जैसी जानकारियां शेयर करते ही पंजीकरण हो जाएगा.
यह ओपीडी पंजीकरण काउंटर पर लगने वाले समय को कम करने में मदद करेगा और साथ ही अस्पताल के रिकॉर्ड में सटीक डेटा प्रदान करेगा. इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे ओपीडी में रजिस्ट्रेशन के लिए लंबी कतारों में प्रतीक्षा से बचा जाता है. मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इस सेवा को जल्द ही अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं और विभागों में विस्तारित करने की योजना है.

जानिए पूरी डिटेल्स
क्यूआर कोड-आधारित ओपीडी पंजीकरण सेवा रोगियों को अपने मोबाइल फोन (फोन कैमरा/स्कैनर/आभा ऐप/आरोग्य सेतु ऐप/या किसी अन्य एबीडीएम सक्षम ऐप का उपयोग करके) के साथ अस्पताल के क्यूआर कोड को स्कैन करने और अपने प्रोफ़ाइल विवरण साझा करने की अनुमति मिलेगी. इसके जरिए अस्पताल में एक बार रोगी के प्रोफ़ाइल को साझा करने के बाद, अस्पताल एक टोकन नंबर (कतार संख्या) प्रदान करेगा.

इसके बाद जेनरेट किया गया टोकन रोगी के चयनित ऐप को एक अधिसूचना के रूप में भेजा जाएगा और रोगियों की आसानी के लिए ओपीडी पंजीकरण काउंटरों पर प्रदर्शित स्क्रीन पर भी इसे देखा जा सकेगा.अपने टोकन नंबर के अनुसार, मरीज पंजीकरण काउंटर पर जा सकेंगे और सीधे डॉक्टर से परामर्श के लिए अपनी आउट पेशेंट पर्ची (ओपी स्लिप) प्राप्त कर सकेंगे क्योंकि उनका विवरण पंजीकरण काउंटर पर पहले से मौजूद रहेगा.

एनएचए के सीईओ ने कहा-अब लंबी कतारों का झंझट खत्म
इस सेवा के लाभों के बारे में बात करते हुए एनएचए के सीईओ डॉ. आर.एस. शर्मा ने कहा – “एबीडीएम के तहत, हम प्रक्रियाओं को सरल बनाने और स्वास्थ्य सेवा को और अधिक कुशल बनाने के लिए नई टेक्नोलॉजी का उपयोग कर रहे हैं. क्यूआर कोड-आधारित रैपिड ओपीडी पंजीकरण सेवा इस दिशा में एक बड़ा कदम है.

एलएचएमसी और एसएसकेएच में इस पायलट योजना के 15 दिनों के भीतर पंजीकरण काउंटर पर काफी कम प्रतीक्षा समय और न्यूनतम समय के साथ लंबी कतारों की भीड़ से बचने में मदद की है.

इसके साथ ही प्रत्यक्ष प्रोफ़ाइल साझाकरण ने रोगी रिकॉर्ड में उच्च स्तर की सटीकता प्राप्त करने में भी मदद की है. हमारी टीम इस सेवा का विस्तार करने और अधिक रोगियों की मदद करने के लिए अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं और विभागों के साथ काम कर रही है.”

स्वास्थ्य रिकॉर्ड रखने में भी होगी आसानी
एबीडीएम टीम ने एलएचएमसी/एसएसकेएच की टीम के साथ मिलकर काम किया ताकि उनके ओपीडी ब्लॉक के लिए क्यूआर कोड आधारित तेज पंजीकरण सेवा स्थापित की जा सके. रोगियों के लिए प्रतीक्षा समय को काफी कम करने के लिए उचित संदेश और कियोस्क लगाए गए थे. इसके अलावा, रोगियों की सहायता के लिए, इस सेवा का उपयोग करने के चरणों और लाभों को समझने में मदद करने के लिए सहायक कर्मियों को भी तैनात किया गया था.

टीम ने रोगियों को अपना आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता या ABHA नंबर बनाने में भी मदद की जो उनके स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल बनाने में मदद करेगा. मरीजों को समय और प्रयास बचाने में मदद करने के लिए इन सेवाओं को अब अस्पतालों, क्लीनिकों, नैदानिक ​​​​प्रयोगशालाओं आदि जैसी अधिक स्वास्थ्य सुविधाओं तक बढ़ाया जाएगा.

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