राज्यपाल सुश्री उइके से तेंदूपत्ता संग्राहकों के परिजनों ने की मुलाकात
स्कॉलरशिप तथा बोनस राशि न मिलने के संबंध में दी जानकारी, सहयोग का किया आग्रह
समग्र समाचार सेवा
रायपुर, 30 सितम्बर। राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से आज राजभवन में बालोद जिले के तेंदूपत्ता संग्राहकों के परिजनों तथा संग्राहक परिवार के अध्ययनरत विद्यार्थियों ने मुलाकात की। संग्राहक परिवार के सदस्यों ने राज्यपाल को अवगत कराया कि तेंदूपत्ता संग्राहकों के आर्थिक सहयोग के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित हैं, जिसमें प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिए स्कॉलरशिप देने का भी प्रावधान हैं। किन्तु वर्ष 2020-21 में 12वीं के 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त मेधावी छात्र-छात्राओं के लगभग 07 हजार पात्र आवेदन लंबित हैं, जिसमें बालोद जिले के 401, मरवाही के 256, राजनांदगांव के 654, धरमजयगढ़ के 689 तथा महासमुन्द के 2 हजार आवेदन शामिल है। साथ ही शैक्षणिक सत्र वर्ष 2021-22 में 10वीं तथा 12वीं दोनों ही कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए संचालित योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
सदस्यों ने आगे बताया कि इसी प्रकार शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत् भी राशि का भुगतान नहीं हो रहा है। साथ ही तेंदुपत्ता संग्राहकों को प्राप्त होने वाले बोनस की राशि के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि लगभग 10 करोड़ की राशि का भुगतान संग्राहकों को नहीं हुआ है। सुकमा और बीजापुर जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में नगद भुगतान के प्रावधान के बावजूद अब तक राशि प्रदान नहीं की गई है। साथ ही सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा जैसे क्षेत्रों में बोनस की राशि सौ रूपये तक निर्धारित कर दी गई है, जो उनको मिलने वाली वास्तविक राशि से कम है। सदस्यों ने राज्यपाल सुश्री उइके से उक्त आशय से सहयोग का आग्रह किया ताकि संग्राहक परिवारों के विद्यार्थियों को वांछित लाभ मिल सके।
राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर से मुलाकात के दौरान उक्त विषय पर चर्चा कर उन्हें निर्देश दिए थे। तदुपरांत प्रतिनिधिमण्डल से मिलकर मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए राज्यपाल ने त्वरित संज्ञान लिया और उपरोक्त तथ्यों का उल्लेख करते हुए पत्र भेजा।
साथ ही उन्होंने मिलने आये विद्यार्थियों को भी विश्वास दिलाया कि उनकी परेशानी शीघ्र दूर करने के लिए सहयोग वे करेंगी और उनकी पढ़ाई या अन्य जरूरी कार्यों में अवरोध उत्पन्न नहीं होगा और वे उच्च शिक्षा हासिल करने का सपना पूरा कर सकेंगे।
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