समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30 जून: देश में मानसून ने जहां चिलचिलाती गर्मी से राहत दी है, वहीं कई राज्यों में इसका रौद्र रूप जनजीवन पर भारी पड़ रहा है। दिल्ली-एनसीआर से लेकर राजस्थान, झारखंड, बिहार और हिमाचल की पहाड़ियों तक लगातार तेज बारिश ने कभी चैन तो कभी चिंता दी है।
हिमाचल की पहाड़ियों में आफत
हिमाचल प्रदेश में मानसून की झमाझम बारिश लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही है। पिछले कुछ दिनों से पहाड़ों पर बादल जमकर बरस रहे हैं। नदियां उफान पर हैं और कई जगहों पर भूस्खलन से सड़कें बंद पड़ी हैं। राहत और बचाव दल अलर्ट पर हैं, लेकिन कई इलाकों में हालात काबू से बाहर होते नजर आ रहे हैं। अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 39 लोगों की मौत हो चुकी है। कई जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं और लोगों से घरों में रहने की अपील की जा रही है।
झारखंड-बिहार में भारी बारिश का खतरा
मौसम विभाग ने झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में भारी बारिश की चेतावनी दी है। 30 जून से 5 जुलाई तक कई इलाकों में मूसलाधार बारिश का अनुमान है। झारखंड और विदर्भ में भी अगले कुछ दिन भारी रहने वाले हैं। विभाग ने इन राज्यों के निवासियों को सतर्क रहने और प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है।
राजस्थान से पूर्वोत्तर तक अलर्ट
राजस्थान में मानसून ने पूरे राज्य को कवर कर लिया है। रविवार को 24 जिलों में तेज बारिश हुई और सोमवार को 27 जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। पूर्वोत्तर राज्यों में भी अगले हफ्ते तक बारिश का दौर जारी रहने की संभावना है। सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय और त्रिपुरा में कहीं-कहीं बहुत भारी बारिश हो सकती है।
बारिश में मौतों का सिलसिला
मानसून की वजह से हादसों का सिलसिला भी जारी है। उत्तराखंड में बादल फटने के बाद लापता मजदूरों में से दो के शव बरामद हुए हैं। राजस्थान में बिजली गिरने और डूबने से पांच लोगों की मौत हुई है। उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में भी आकाशीय बिजली ने एक व्यक्ति की जान ले ली।
देश के कई हिस्सों में मानसून से लोगों को गर्मी से राहत तो मिली है लेकिन बाढ़, भूस्खलन और बिजली गिरने जैसी घटनाओं ने खतरे की घंटी भी बजा दी है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे मौसम की चेतावनियों को हल्के में न लें और जरूरी सतर्कता बरतें।
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