RIMS-2 भूमि अधिग्रहण पर गरमाई राजनीति, चंपाई सोरेन नजरबंद

समग्र समाचार सेवा
रांची, 24 अगस्त: रांची में प्रस्तावित RIMS-2 परियोजना को लेकर भूमि अधिग्रहण का विवाद लगातार गहराता जा रहा है। इस मुद्दे पर रविवार को राजनीतिक तापमान और बढ़ गया जब पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता चंपाई सोरेन को प्रशासन ने घर में नजरबंद कर दिया।

चंपाई सोरेन इस परियोजना के खिलाफ लंबे समय से विरोध कर रहे हैं और स्थानीय लोगों के बीच उनका मजबूत प्रभाव माना जाता है। प्रशासन ने उन्हें नजरबंद करने का कदम कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक बताया।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

डीएसपी केवी रमण ने जानकारी दी कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने यह कदम उठाया। उन्होंने कहा—
“चंपाई सोरेन को सहयोग करने के लिए कहा गया है और फिलहाल वे अपने घर पर ही रहेंगे। इलाके में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है और हर गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।”

स्थानीय प्रशासन ने भी आशंका जताई कि भूमि अधिग्रहण को लेकर बढ़ते विरोध के बीच राजनीतिक नेताओं की सक्रियता माहौल को और तनावपूर्ण बना सकती है।

राजनीतिक गलियारों में हलचल

चंपाई सोरेन को नजरबंद किए जाने के बाद झारखंड की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। भाजपा नेताओं और उनके समर्थकों का कहना है कि प्रशासन ने विरोध की आवाज दबाने का प्रयास किया है। वहीं प्रशासन का दावा है कि यह कदम केवल शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उठाया गया।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि RIMS-2 परियोजना को लेकर विवाद ने सरकार और विपक्ष दोनों के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है।

चंपाई सोरेन का बयान

नजरबंदी के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा—
“जब डीएसपी साहब यहां आए और कहा कि मुझे आज कहीं नहीं जाना है, यानी मुझे घर से बाहर नहीं जाना है, तो मैंने समझ लिया कि वे मुझे कहीं जाने नहीं देंगे। इसलिए मैंने कहा कि ठीक है; अगर प्रशासन और सरकार ने यह निर्णय लिया है, तो हम इसे तोड़ेंगे नहीं।”

सोरेन ने आगे कहा कि जनता की भावनाओं के साथ समझौता नहीं किया जा सकता और वे RIMS-2 परियोजना का विरोध जारी रखेंगे

भूमि अधिग्रहण पर विवाद

RIMS-2 परियोजना को लेकर भूमि अधिग्रहण के खिलाफ स्थानीय नागरिक लगातार आंदोलनरत हैं। उनका कहना है कि इस परियोजना से उनकी जमीन और आजीविका प्रभावित होगी। वहीं सरकार का दावा है कि इस परियोजना से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं और रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

चंपाई सोरेन की नजरबंदी ने यह साफ कर दिया है कि RIMS-2 परियोजना केवल विकास का मुद्दा नहीं, बल्कि आने वाले दिनों में झारखंड की राजनीति का केन्द्र बिंदु बनने जा रही है।

 

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