समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27सितंबर।आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने हाल ही में हुए विशेष संसद सत्र के दौरान ठाकुरों पर टिप्पणी की थी. नारी शक्ति वंदन बिल पर चर्चा के दौरान उन्होंने ओम प्रकाश वाल्मीकि की कविता का जिक्र करते हुए अपने अंदर के ठाकुर को मारने की अपील की थी. इस पर उनकी ही पार्टी के नेता उनके खिलाफ खड़े हो गए हैं. इस मुद्दे पर लालू प्रसाद यादव की पार्टी दो फाड़ होती दिख रही है.
मनोज झा के इस बयान पर घमासान मचा हुआ है. इससे बयान पर मचे सियासी बवाल ने RJD को ही दो फाड़ कर दिया है. RJD नेता आनंद मोहन और उनके विधायक बेटे चेतन आनंद ने इस मामले में मनोज झा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आनंद मोहन का कहना है कि पहले मनोज झा अपने अंदर के ब्राह्मण को मार दें.
RJD नेता चेतन आनंद ने मनोज झा पर निसाना साधते हुए कहा, ‘ठाकुर समाज सभी को साथ लेकर चलता है और समाजवाद में किसी एक जाति को टारगेट करना समाजवाद के नाम पर दोगलापन है. ऐसे बयानों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.’ विधायक चेतन आनंद ने कहा, राज्यसभा में जब मनोज झा बोल रहे ते तो उन्होंने ठाकुर समाज को विलेन के रूप में पेश किया.
चेतन आनंद ने कहा, यह बयान हमारे नेता तेजस्वी यादव के RJD को A to Z की पार्टी बनाने के कदम को झटका है. उन्होंने कहा, मनोज झा ब्राह्मण हैं, इसलिए उन्होंने ब्राह्मणों के खिलाफ कविता नहीं सुनाई. हम लोग यह सब बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने इस तरह के बयान को मनोज झा का दोगलापन बी करार दिया.
इधर बीजेपी नेता नीरज बबलू भी मनोज झा के उस बयान पर भड़क गए हैं. नीरज बबलू तो मर्यादा लांघते हुए बोले कि अगर मनोज झा मेरे सामने ये बयान देते तो पटक कर मुंह तोड़ देता. नीरज ने कहा, ‘ठाकुरों ने देश की रक्षा की है. ठाकुर नहीं होते तो हिंदुस्तान का नाम मुगलिस्तान होता.’ उन्होंने कहा RJD के कहने पर मनोज झा ऐसा बयान दे रहे हैं.
ये कविता सुनाई थी मनोज झा ने
‘चूल्हा मिट्टी का, मिट्टी तालाब की, तालाब ठाकुर का.
भूख रोटी की, रोटी बाजरे की, बाजरा खेत का, खेत ठाकुर का।
बैल ठाकुर का, हल ठाकुर का, हल की मूठ पर हथेली अपनी, फसल ठाकुर की।
कुआं ठाकुर का, पानी ठाकुर का, खेत-खलिहान ठाकुर के, गली-मोहल्ले ठाकुर के फिर अपना क्या?’
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