रॉबर्ट वाड्रा ने ईडी के समन पर पेश होने से किया इनकार, खराब तबीयत का दिया हवाला

समग्र समाचार सेवा,

नई दिल्ली, 10 जून: केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के पति रॉबर्ट वाड्रा को हरियाणा जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में समन भेजा था। लेकिन निर्धारित तिथि पर वाड्रा ईडी कार्यालय नहीं पहुंचे। अब यह सामने आया है कि उन्होंने ईडी को ईमेल भेजकर पेशी के लिए और समय मांगा है। वाड्रा ने अपनी खराब तबीयत का हवाला देते हुए नई तारीख तय करने का अनुरोध किया है।

ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा को इस केस में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत समन किया था। हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब उनसे इस मामले में पूछताछ होनी थी। इससे पहले भी ईडी वाड्रा से कई बार पूछताछ कर चुकी है, लेकिन वाड्रा ने हर बार किसी भी तरह की गलत गतिविधि में शामिल होने से साफ इनकार किया है।

क्या हैं आरोप?

यह मामला कथित रूप से रक्षा डील फिक्सर माने जाने वाले संजय भंडारी से जुड़ा है, जो साल 2016 में भारत से फरार होकर वर्तमान में लंदन में रह रहा है। ईडी के मुताबिक भंडारी के पास करोड़ों रुपये की अघोषित विदेशी संपत्तियां हैं, जिनमें लंदन स्थित 12 ब्रायनस्टन स्क्वायर और 6 ग्रोसवेनर हिल कोर्ट शामिल हैं।

ईडी का आरोप है कि इन संपत्तियों का नवीनीकरण और इस्तेमाल रॉबर्ट वाड्रा ने अपने सहयोगी सुमित चड्ढा के जरिए कराया था और वे खुद भी ब्रायनस्टन स्क्वायर की संपत्ति में रहे। साथ ही यह भी आरोप लगाया गया कि वाड्रा और उनके करीबी सीसी थंपी के बीच भारी वित्तीय लेन-देन हुआ है और उन्होंने फरीदाबाद में जमीन का एक बड़ा हिस्सा भी खरीदा।

पहले भी हुई है लंबी पूछताछ

ईडी ने बताया कि रॉबर्ट वाड्रा को इससे पहले 15 बार पूछताछ के लिए बुलाया गया है। अप्रैल माह में हुई एक पूछताछ में वाड्रा ने लगभग 10 घंटे तक जवाब दिए और जांच एजेंसी को 23,000 दस्तावेज भी सौंपे थे। पूछताछ के बाद वाड्रा ने कहा था कि वे पहले ही साल 2019 में इन सभी सवालों के जवाब दे चुके हैं, फिर वही सवाल बार-बार पूछे जा रहे हैं।

उन्होंने कहा, “मैं जांच में पूरा सहयोग कर रहा हूं। लेकिन लगता है कि अब यह राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित हो रहा है। ईडी के कुछ अधिकारियों ने भी आश्चर्य जताया कि वही सवाल फिर से पूछे जा रहे हैं।”

कांग्रेस ने सरकार पर बोला हमला

रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। पार्टी प्रवक्ताओं ने आरोप लगाया है कि राजनीतिक विरोधियों को डराने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। कांग्रेस ने कहा कि वाड्रा के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं हैं और यह कार्रवाई महज विचलन की राजनीति का हिस्सा है।

आगे क्या?

फिलहाल ईडी वाड्रा द्वारा भेजे गए ईमेल और मेडिकल रिपोर्ट की समीक्षा कर रही है। अगर ईडी वाड्रा की दलीलों से संतुष्ट होती है, तो उन्हें नई तारीख दी जा सकती है। लेकिन अगर एजेंसी को लगता है कि बार-बार पेशी टालने की कोशिश हो रही है, तो कानूनी विकल्पों पर भी विचार हो सकता है।

इस हाई-प्रोफाइल मामले में अब सभी की निगाहें ईडी की अगली रणनीति और रॉबर्ट वाड्रा की संभावित पेशी पर टिकी हैं।

Comments are closed.