समग्र समाचार सेवा
झालावाड़, 25 जुलाई: राजस्थान के झालावाड़ जिले में शुक्रवार को एक भयंकर हादसे ने पीपलोदी गांव के सरकारी स्कूल में हड़कंप मचा दिया, जब प्रार्थना के समय स्कूल की छत अचानक भरभरा कर गिर गई। इस दर्दनाक घटना में पाँच बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक छात्र गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
घायलों को तुरंत आसपास अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहाँ उनकी प्राथमिक चिकित्सा जारी है। फिलहाल ज़रूरत पड़ने पर उन्हें बड़े अस्पतालों में रेफर भी किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने जताया दुख
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस आपदा पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए “एक्स” प्लेटफ़ॉर्म पर लिखा:
“झालावाड़ के पीपलोदी में स्कूल की छत गिरने से हुआ दर्दनाक हादसा अत्यंत हृदयविदारक है। घायलों को बेहतर इलाज दिलाने के निर्देश दिए गए हैं। भगवान दिवंगत आत्माओं को शांति दें और शोकाकुल परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति दें।”
राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने भी इस घटना पर गहरा शोक जताया और तुरंत अपना भरतपुर दौरा रद्द कर झालावाड़ के लिए रवाना हो गए। उन्होंने बताया:
“मनोर थाना क्षेत्र में विद्यालय की छत गिरने की यह घटना अत्यंत पीड़ादायक है। मैं तत्काल आज़ घटना स्थल की समीक्षा के लिए निकल रहा हूँ।” उन्होंने पहले ही शासन सचिव (शिक्षा) को मौके पर भेजा है।
प्रार्थना के समय हुआ भयंकर हादसा
शिक्षा मंत्री दिलावर के अनुसार, हादसा उस समय हुआ जब स्कूल में करीब 38 बच्चे प्रार्थना में खड़े थे। इसी बीच, अचानक छत धड़ाम से गिर गई। यह घटना जर्जर इमारती हालात की ओर एक गंभीर चेतावनी है, जिसने सरकारी स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रहरी की तरह सवाल खड़े कर दिए हैं।
गहन जांच और भविष्य की तैयारी
इस घटना की गंभीरता को देखते हुए शिक्षा मंत्री ने दुबिधा मंत्रालय को आदेश दिए हैं कि एक गहन जांच रिपोर्ट तैयार की जाए, ताकि हादसे के कारणों का पता लगाया जा सके। इसका उद्देश्य भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचाव करना है।
सरकार से उम्मीद की जा रही है कि अशिक्षित और कमजोर विद्यालयों की उचित मरम्मत, देख-रेख और निरीक्षण नियमित रूप से किया जाएगा।
यह दर्दनाक हादसा न केवल पीपलोदी गांव की बल्कि पूरे राजस्थान के सरकारी स्कूलों में संरचनात्मक सुरक्षा पर विचार करने की पुकार है। इस दुखद घटना के बाद राज्य सरकार को निश्चित रूप से स्कूल भवनों की स्थिति सुधारने, इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधारने और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उठानी होगी।
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