शताब्दी वर्ष के निमित्त समाज के प्रमुख वर्गों से संवाद करेगा संघ
26-28 अगस्त को विज्ञान भवन में तीन दिवसीय व्याख्यानमाला का आयोजन
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5 अगस्त: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) अपने शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में समाज के सभी वर्गों की प्रमुख हस्तियों से संवाद स्थापित करने जा रहा है। देश के चार प्रमुख महानगरों – नई दिल्ली, बेंगलुरु, कोलकाता और मुंबई में होने वाले इन कार्यक्रमों में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत की उपस्थिति रहेगी। इसी कड़ी में, नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आगामी 26, 27 और 28 अगस्त को एक तीन दिवसीय व्याख्यानमाला आयोजित की जाएगी।
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने केशव कुंज में एक प्रेस वार्ता के दौरान इस आयोजन की विस्तृत जानकारी दी।
विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियां होंगी शामिल
श्री आंबेकर ने बताया कि विज्ञान भवन में होने वाली तीन दिवसीय व्याख्यानमाला में समाज के सभी क्षेत्रों, वर्गों और विचारधाराओं की प्रमुख हस्तियां शामिल होंगी। इसके लिए सामाजिक, आर्थिक, आध्यात्मिक, खेल, शिक्षा, ज्ञान परंपरा एवं भाषा, इंटरप्रेन्योर और भारत स्थित विभिन्न देशों के राजदूतों सहित 17 मुख्य और 138 सह-श्रेणियों में समाज जीवन के सभी क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों को आमंत्रित किया जा रहा है।
‘100 वर्ष की संघ यात्रा— नए क्षितिज’ पर चर्चा
इस तीन दिवसीय कार्यक्रम के दौरान चर्चा के विषयों के बारे में बताते हुए श्री आंबेकर ने कहा कि इसमें “100 वर्षों की संघ यात्रा— नए क्षितिज” पर मंथन होगा। सरसंघचालक जी संघ की 100 वर्षों की भूमिका और अनुभवों के साथ-साथ भविष्य में जिन क्षेत्रों में स्वयंसेवकों को आगे बढ़ना है, उस पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे।
चर्चा के अन्य मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
- पंच परिवर्तन: इस विषय पर संघ की सोच और इसमें समाज की अपेक्षित सहभागिता की योजनाओं पर चर्चा होगी।
- स्वयंसेवकों का योगदान: देश की बढ़ती आशाओं और आकांक्षाओं में स्वयंसेवकों के योगदान पर बात होगी।
- स्व-तत्व और पराक्रम: यह पक्ष प्रस्तुत किया जाएगा कि भारत को नए क्षितिज की ओर बढ़ने के लिए अपने स्व-तत्व और पराक्रम से ही आगे बढ़ा जा सकता है।
- औपनिवेशिक मापदंडों पर विचार: गुलामी के दौर से चले आ रहे विकास के औपनिवेशिक मापदंडों पर चर्चा होगी और भारतीय समाज की असीमित क्षमताओं को उभारने पर विचार रखा जाएगा।
- भारत की वैश्विक भूमिका: वर्तमान समय में देश-समाज के लिए महत्वपूर्ण विषयों सहित भारत की वैश्विक भूमिका पर भी बात होगी।
तीसरे दिन, कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों के लिखित प्रश्नों और जिज्ञासाओं का भी उत्तर दिया जाएगा।
देश भर में 1000 से अधिक गोष्ठियां
श्री आंबेकर ने बताया कि वर्ष 1925 में शुरू हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की राष्ट्रसेवा की यात्रा के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर, वर्ष भर चलने वाले शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों की श्रृंखला के तहत देश भर में 1000 से अधिक गोष्ठियों का आयोजन होगा, जिसमें संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल होंगे।
उन्होंने कहा कि संघ ने अपनी 100 वर्षों की यात्रा में यह बताने का हमेशा प्रयत्न किया है कि संघ का विचार अलग नहीं, बल्कि भारत की स्थापित परंपरा पर ही आधारित है। श्री आंबेकर ने जोर दिया कि संघ का विचार सबके साथ मिलकर देश को आगे बढ़ाने में योगदान करने का रहा है, और हम चाहते हैं कि पूरा देश एक साथ मिलकर इस विकास की यात्रा को आगे बढ़ाए।
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