आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने धर्म छोड़कर जाने वालों की घरवापसी की दिलाई शपथ

समग्र समाचार सेवा
चित्रकूट, 15 दिसंबर। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत बुधवार को उत्तर प्रदेश में भगवान राम की तपोभूमि चित्रकूट पहुंचें। यहां वे ‘हिंदू एकता महाकुंभ’ में शामिल हुए। भागवत ने यहां उपस्थित उन लोगों की ‘घर वापसी’ के लिए काम करने की शपथ दिलाई, जिन्होंने हिंदू धर्म छोड़ दिया था और किसी अन्य धर्म में परिवर्तित हो गए थे।

संघ प्रमुख ने यहां कहा कि अगर पूरे समाज को एक करना है तो अहंकार को भूलकर और स्वार्थ छोड़कर अपनों के लिए काम करना होगा।

उन्होंने आगे कहा कि भगवान श्री राम ने खुद के लिए बनवास नहीं काटा। भगवान राम ने खुद के लिए राक्षसों से झगड़ा नहीं किया। उन्होंने पूरे समाज के लिए यह किया। हमें भी उनसे सीखते हुए अपने लिए नहीं, बल्कि अपनों के लिए काम करना होगा. नाना जी ने भी ऐसा किया था।

उन्होंने संतों समेत सभी को प्रतिज्ञा लेने को कहा। इस संकल्प में उन्होंने कहा, “मैं हिंदू संस्कृति का धर्म योद्धा प्रभु राम की संकल्प स्थली पर सर्व शक्तिमान परमेश्वर को साक्षी मानकर संकल्प लेता हूँ कि मैं अपने पवित्र हिंदू धर्म, हिंदू संस्कृति और हिंदू समाज के संरक्षण, संवर्धन और सुरक्षा के लिए आजीवन काम करुंगा। मैं प्रतिज्ञा करता हूँ कि किसी भी हिंदू को हिंदू धर्म से विमुक्त नहीं होने दूंगा। जो धर्म छोड़कर चले गए हैं उनकी भी घर वापसी के लिए काम करूंगा। मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि हिंदू बहनों की सुरक्षा सम्मान के लिए सब कुछ अर्पण करुंगा. मैं जाति, पंथ से ऊपर उठकर अपने समाज को समर्थ बनाने के लिए पूरी शक्ति से काम करुंगा।”

भागवत ने मध्य प्रदेश के चित्रकूट में ‘हिंदू एकता महाकुंभ’ में भाग लेने वाले लोगों से हर महिला के सम्मान और सम्मान की शपथ लेने के लिए भी कहा।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ‘महाकुंभ’ के मुख्य अतिथि हैं। इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे।

हिंदू एकता महाकुंभ का उद्देश्य हिंदुओं को ‘एकजुट’ करना और उन्हें एक छत के नीचे लाना है। घटना के दौरान जनसंख्या नियंत्रण, लव जिहाद आदि जैसे कई मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।

भाजपा सांसद मनोज तिवारी, कवि कुमार विश्वास, आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति चित्रकूट में ‘हिंदू एकता महाकुंभ’ में शामिल होंगे।

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