आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने किया नानी गोपाल महंत पुस्तक का विमोचन, बोले- सीएए से किसी मुसलमान को दिक्कत नहीं

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 21जुलाई। सभी भारतीय का डीएनए एक वाले बयान के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने आज कहा कि सीएए से किसी मुसलमान को कोई दिक्कत नहीं होगी। सीएए और एनआरसी का हिंदू-मुस्लिम विभाजन से कोई लेना-देना नहीं है। गुवाहाटी में भागवत ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए इसे साम्प्रदायिक रूप दिया गया है।

बता दें कि मोहन भागवत मंगलवार शाम दो दिन की यात्रा पर असम पहुंचे है यहां आरएसएस के प्रवक्ता ने बताया कि भागवत ने असम के विभिन्न क्षेत्रों तथा अरूणाचल प्रदेश, मणिपुर एवं त्रिपुरा जैसे अन्य पूर्वोत्तर राज्यों से संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठकें की। इस दौरान उन्होंने बताया कि इन बैठकों में संगठन से जुड़े विषयों एवं महामारी के दौर में समाज और लोगों के कल्याण के उपायों पर चर्चा हुई।
यहां आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आज नानी गोपाल महंत द्वारा लिखी “नानी गोपाल महंत पर नागरिकता बहस: असम और इतिहास की राजनीति” नामक पुस्तक का गुवाहाटी में विमोचन किया। इसी मौके पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि, दुनिया में एक भी उदाहरण ऐसा नहीं है कि जिसमें इतनी सारी विविधताएं इकट्ठा चार हजार साल चलीं, बिना झगड़ा किए चलीं, आपस में मिल-जुलकर चलीं और सब की सब कायम हैं आज भी। राजनीतिक लाभ के लिए दोनों विषयों (सीएए-एनआरसी) को हिन्दू मुसलमान का विषय बना दिया, यह हिन्दू मुसलमान का विषय ही नहीं है
गुवाहाटी में अपने बयान के दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने विवधिता पर जोर देते हुए आगे कहा,’भारत में तद्भव है सब कुछ , हमारा इतिहास हमारे साथ 4000 साल से चल रहा है , यह कहीं नहीं हुआ है की इतनी सारी विवधिता एक साथ और शांति से चली और आज भी चल रही है.जब ऐसा सोचने वाले आए की एक होने के लिए एक ही प्रकार आवश्यक है तब यह अलगाव शुरू हुआ. हमको किसी भी विविधता से परहेज नहीं था , हमारे देश में कितने अलग अलग राज्य थे और तब भी लोग कश्मीर से कन्या कुमारी तक आते जाते थे।

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