जोधपुर में आरएसएस की समन्वय बैठक
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उससे प्रेरित संगठनों की तीन दिवसीय बैठक जोधपुर में शुरू।
- वरिष्ठ पदाधिकारियों की भागीदारी: बैठक में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी सहित 32 संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी शामिल हो रहे हैं।
- अनुभवों का आदान-प्रदान: बैठक का उद्देश्य विभिन्न संगठनों के कार्यों और अनुभवों पर चर्चा करना है।
- भविष्य की रणनीति पर विमर्श: ‘पंच परिवर्तन’, राष्ट्रीय शिक्षा नीति और शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों पर विशेष चर्चा हो रही है।
समग्र समाचार सेवा
जोधपुर, 05 सितंबर 2025: जोधपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं संघ से प्रेरित संगठनों के अखिल भारतीय पदाधिकारियों की तीन दिवसीय महत्वपूर्ण बैठक आज (5 सितंबर, 2025) शुरू हो गई है। बैठक की शुरुआत परम पूजनीय सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी और माननीय सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले जी द्वारा भारत माता के चित्र के समक्ष पुष्पार्चन से हुई। इस बैठक में 32 संगठनों के कुल 320 कार्यकर्ता भाग ले रहे हैं।
प्रमुख पदाधिकारियों की उपस्थिति
बैठक में संघ के सभी 6 सह सरकार्यवाहों के साथ-साथ कई प्रमुख संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारी भी शामिल हो रहे हैं। इनमें विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष आलोक कुमार, राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांता अक्का, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और वनवासी कल्याण आश्रम के अध्यक्ष सत्येंद्र सिंह जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। यह बैठक इन सभी पदाधिकारियों को एक मंच पर लाकर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान करती है।
बैठक के प्रमुख उद्देश्य
संगठन मंत्र के सामूहिक वाचन के साथ शुरू हुई इस बैठक में विभिन्न संगठनों ने अपने-अपने क्षेत्रों में किए गए नए प्रयोगों की जानकारी साझा की। बैठक का मुख्य उद्देश्य वर्षभर के कार्यों और अनुभवों का आदान-प्रदान करना है। इसके अलावा, पंच परिवर्तन – जिसमें सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण अनुकूल जीवन, स्व आधारित रचना और नागरिक कर्तव्य पालन शामिल हैं – जैसे विषयों पर भी गहन चर्चा की जा रही है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति और शताब्दी वर्ष की तैयारी
बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर भी विशेष रूप से चर्चा हो रही है, ताकि इसके प्रयासों की समीक्षा की जा सके और शिक्षा क्षेत्र को नई दिशा दी जा सके। साथ ही, आगामी शताब्दी वर्ष (2025-26) के कार्यक्रमों की रूपरेखा पर भी विचार किया जा रहा है। 2 अक्टूबर, 2025 को विजयादशमी के दिन नागपुर से शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों की शुरुआत होगी। इसके तहत देशभर में हिन्दू सम्मेलन, गृह संपर्क, सद्भाव बैठकों और युवा कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसका उद्देश्य समाज के सभी वर्गों तक संघ के विचारों को पहुंचाना है।
बलिदानियों को सम्मान
बैठक स्थल पर 500 वर्ष पूर्व औपनिवेशिकता के विरुद्ध संघर्ष करने वाली रानी अबक्का और पर्यावरण के लिए बलिदान देने वाली खेजड़ली की अमृता देवी के सम्मान में द्वार और सुंदर रंगोली बनाई गई है। यह एक प्रतीकात्मक कदम है जो भारतीय इतिहास के इन महान व्यक्तित्वों को श्रद्धांजलि देता है। यह बैठक 7 सितंबर को समाप्त होगी, जिसके बाद प्राप्त विचारों के आधार पर प्रत्येक संगठन अपने कार्यों को दिशा देगा।
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