महाराष्ट्र चुनाव में ‘हरियाणा’ वाली रणनीति अपनाएगा RSS, संविधान पर कांग्रेस के नैरेटिव का ऐसे देगा जवाब
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,2 नवम्बर। महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने अपनी रणनीति को धार देना शुरू कर दिया है। इस बार संघ ने कांग्रेस के संविधान संबंधित नैरेटिव को चुनौती देने के लिए हरियाणा में अपनाई गई रणनीति का उपयोग करने का निर्णय लिया है। हरियाणा में संघ ने चुनाव प्रचार में बड़े पैमाने पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी, और वहां सफलतापूर्वक बीजेपी को जीत दिलाने में भूमिका निभाई थी।
महाराष्ट्र में कांग्रेस लगातार संविधान और धर्मनिरपेक्षता को लेकर भाजपा और संघ पर हमले कर रही है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा और संघ संविधान के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ काम कर रहे हैं और देश में विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा दे रहे हैं। राहुल गांधी ने हाल ही में संविधान की रक्षा का संकल्प लेते हुए भाजपा और संघ पर इसे कमजोर करने का आरोप लगाया है।
संघ की योजना है कि वह महाराष्ट्र के गांव-गांव में जाकर अपने स्वयंसेवकों को सक्रिय करेगा और संविधान की रक्षा और राष्ट्रवाद के मुद्दे पर लोगों को जागरूक करेगा। संघ का मानना है कि कांग्रेस और विपक्षी दलों द्वारा संघ पर लगाए जा रहे आरोपों का जवाब देना आवश्यक है ताकि गलत धारणाओं को दूर किया जा सके। संघ इसके लिए ‘हरियाणा मॉडल’ का उपयोग करेगा, जिसमें गांवों में शाखाओं और जनसभाओं के माध्यम से लोगों तक सीधे पहुंच बनाई जाएगी।
संघ ने महाराष्ट्र में विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर एक व्यापक अभियान चलाने की योजना बनाई है, जिसमें संविधान की सच्ची व्याख्या और देश की एकता पर जोर दिया जाएगा। इसके अलावा, संघ यह संदेश देने की कोशिश करेगा कि भाजपा सरकार संविधान के सिद्धांतों के साथ पूरी तरह से खड़ी है और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि संघ की यह रणनीति महाराष्ट्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, क्योंकि संघ का गांवों में गहरा प्रभाव है और उसकी विचारधारा कई लोगों के दिलों में घर कर चुकी है। यदि यह ‘हरियाणा’ मॉडल महाराष्ट्र में सफल होता है, तो भाजपा को कांग्रेस के संविधान नैरेटिव का प्रभावी तरीके से जवाब देने का अवसर मिलेगा।
संघ का उद्देश्य है कि वह जनता को यह समझाने में सफल हो कि उसका राष्ट्रवादी एजेंडा संविधान के खिलाफ नहीं, बल्कि उसके अनुरूप है। इसके जरिए संघ कांग्रेस के आरोपों को नकारते हुए लोगों के बीच अपनी स्थिति को मजबूत करने का प्रयास करेगा।
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