समग्र समाचार सेवा
पटना, 21जून। देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर सभी पार्टियों के अलग अलग विचार सामने आ रहे है। ऐसे में जब बिहार में दो बच्चों की जनसंख्या नीति को लेकर बात सामने आई तो सियासत में भुचाल आ गई है। सभी पार्टियां इस मुद्दे को लेकर अपनी अपनी बातें रख रहे है जो कि एक-दूसरे के विपरित है।
अब उतर प्रदेश में योगी सरकार भी राज्य में सरकारी योजनाओं का लाभ उन्ही को देने की तैयारी में है जिनके दो बच्चे हैं। उतर प्रदेश सरकार के विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून का मसौदा बनाना शुरू कर दिया है। जब असम और उतर प्रदेश जैसे राज्यों से जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की चर्चा तेज हुई तो बिहार से भी इस तरह के कानून बनाने की मांग शुरू हो गई है।
इस मसले को लेकर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने अपने फ़ेसबुक पेज पर लिखा है कि असम के मा० मुख्यमंत्री ने जो बातें कही हैं, वो कहीं न कहीं देश हित में हैं. अगर किसी को बुरा लग रहा है तो शायद वो देश हित में नहीं सोच रहे हैं. बढ़ती जनसंख्या अभिशाप बन गई है. यह हिंदुस्तान को जंजीर से जकड़ रही है. बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता और दीघा के विधायक संजीव चौरसिया कहते हैं कि बिहार जैसे राज्य जिसके पास संसाधन बहुत सीमित है और आबादी बहुत ज़्यादा है, ऐसे में लोगों तक सरकारी योजनाओं का लाभ ज़्यादा से ज़्यादा पहुंचे बिहार में जनसंख्या नियंत्रण कानून बनना ही चाहिए. अगर आबादी बढ़ती रही तो कई समस्या बढ़ जाएगी. समय की मांग है कि बिहार में भी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनना ही चाहिए।
अब इस मसले को लेकर भाजपा के सहयोगी जदयू के नेता प्रतिक्रिया तो दी लेकिन उन्होंने साफ तौर पर जाति विशेष पर टिप्पणी देने से अपना बचाव किया। बिहार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान कहते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण होना चाहिए लेकिन इसके लिए तमाम राजनीतिक पार्टियों की राय एक जैसी होनी चाहिए। किसी को भी इस कानून से परेशानी ना हो इसका भी ख्याल रखना चाहिए। कोई भी फैसला सर्वसम्मति से होना चाहिए अगर सबकी राय एक जैसी हो तो जनसंख्या नियंत्रण कानून पर बात होनी चाहिए।
अब जदयू के नेता नीरज कुमार कहते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर कोई क्या कर रहा है ये मुझे नहीं पता लेकिन बिहार में बढ़ती हुई आबादी को रोकने के लिए नीतीश सरकार ने महिलाओं को साक्षर बनाने के साथ साथ महिलाओं का सशक्तिकरण किया है. उसका नतीजा ये रहा है कि जनसंख्या बढ़ोतरी का जो दर है वो नियंत्रित हो रहा है।
अब तमाम पार्टियों की टिप्पणी के बाद राजद और कांग्रेस भी इस मसले पर अपना विचार देने से पीछे नही रहे। राजद के वरिष्ठ विधायक भाई वीरेंद्र कहते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर जो चर्चा हो रही है उसे आप ऐसे ही नहीं ना लागू कर सकते हैं। बिहार में तमाम राजनीतिक पार्टियों और समाज के हर तबके की राय शामिल होनी चाहिए. कोई भी फ़ैसला जल्दबाज़ी में नही लेनी चाहिए. कहीं ऐसा तो नहीं है कि ये फैसला किसी एक धर्म विशेष को ध्यान में रखकर किया जा रहा हो तो कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा कहते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण होना चाहिए लेकिन उसके लिए कोई क़ानून बनाने की ज़रूरत नही है।
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