समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5 अगस्त: संसद के मानसून सत्र के दौरान आज राज्यसभा में कई अहम मुद्दे छाए रहे। एक ओर जहां सदन में पूर्व सांसद प्रवीण नाइक के निधन पर राज्यसभा उपसभापति हरिवंश ने श्रद्धांजलि दी, वहीं दूसरी ओर सीआईएसएफ की तैनाती को लेकर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस देखी गई।
Obituary Reference made by Dy. Chairman #RajyaSabha on Passing away of Pravin Naik, (ex-Member of Rajya Sabha).@harivansh1956 pic.twitter.com/oW3rN86Qij
— SansadTV (@sansad_tv) August 5, 2025
राज्यसभा की शुरुआत एक शोक संदेश से हुई जिसमें उपसभापति हरिवंश ने प्रवीण नाइक को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया। लेकिन सदन का माहौल जल्द ही गरमा गया जब सीआईएसएफ की तैनाती पर विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और उपसभापति के बीच तीखी बहस हुई।
इस विवाद में हस्तक्षेप करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता जेपी नड्डा ने कहा, “आप (विपक्ष) सदन को चलने नहीं देते हैं, ये तरीका अलोकतांत्रिक है।” उन्होंने आगे जोड़ा, “मुझे 40 वर्षों तक विपक्ष में रहने का अनुभव है, इस पर आप मुझसे ट्यूशन ले सकते हैं।” जेपी नड्डा की इस टिप्पणी के बाद सदन में हंगामा और बढ़ गया।
डीएमके सांसद तिरूचि शिवा ने भी चर्चा में भाग लिया, जिसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई।
इस बीच, अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव को लेकर कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पर निशाना साधा। ट्रंप के बयान, जिसमें उन्होंने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर टैरिफ बढ़ाने की बात कही थी, पर प्रतिक्रिया देते हुए कार्ति चिदंबरम ने कहा, “यह टैरिफ भारत के लिए सजा नहीं, बल्कि अमेरिकी उपभोक्ताओं पर भी एक बड़ा बोझ है।”
#WATCH | Delhi | On US President Trump saying he will substantially raise tariffs on India over Russian oil purchases, Congress MP Karti Chidambaram says, "Any additional tariffs impulsively announced by the President of the US is not a punishment on India, it is also a burden on… pic.twitter.com/8hITViXbD8
— ANI (@ANI) August 5, 2025
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस प्रकार के टैरिफ का अंतिम असर अमेरिकी जनता पर पड़ेगा। “अगर उन्हें अपने आयातित उत्पादों पर ज्यादा शुल्क देना पड़ा, तो कई छोटे व्यवसाय बंद हो जाएंगे। अमेरिका भारत जैसे बड़े देश की आपूर्ति श्रृंखला को तुरंत नहीं बदल सकता। इसमें समय और संसाधन दोनों लगते हैं,” उन्होंने कहा।
चिदंबरम ने यह भी जोड़ा कि भारत को घबराने की जरूरत नहीं है, बल्कि मजबूत और रणनीतिक वार्ता करनी चाहिए ताकि दोनों देशों के हितों की रक्षा की जा सके। “अमेरिका भारत को नजरअंदाज नहीं कर सकता। उन्हें हमारे बाज़ार और सप्लाई चेन की ज़रूरत है,” उन्होंने जोड़ा।
इस प्रकार, राज्यसभा में आज का दिन शोक, विवाद और अंतरराष्ट्रीय रणनीति से जुड़ी बहसों के नाम रहा, जिसने संसद में हलचल तेज कर दी।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.