समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23 जून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार सुबह डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के माध्यम से डॉ. मुखर्जी को याद करते हुए लिखा कि उनका साहस, बलिदान और राष्ट्र के प्रति समर्पण हमेशा देशवासियों को प्रेरणा देता रहेगा।
प्रधानमंत्री का भावपूर्ण संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पोस्ट में कहा,
“डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनके बलिदान दिवस पर कोटि-कोटि नमन। उन्होंने देश की अखंडता को अक्षुण्ण रखने के लिए अतुलनीय साहस और पुरुषार्थ का परिचय दिया। राष्ट्र निर्माण में उनका अमूल्य योगदान हमेशा श्रद्धापूर्वक याद किया जाएगा।”
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनके बलिदान दिवस पर कोटि-कोटि नमन। उन्होंने देश की अखंडता को अक्षुण्ण रखने के लिए अतुलनीय साहस और पुरुषार्थ का परिचय दिया। राष्ट्र निर्माण में उनका अमूल्य योगदान हमेशा श्रद्धापूर्वक याद किया जाएगा।
— Narendra Modi (@narendramodi) June 23, 2025
कश्मीर को लेकर मुखर्जी का ऐतिहासिक संघर्ष
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भारत की एकता और अखंडता के लिए जो संघर्ष किया, वह आज भी देश की राजनीति और राष्ट्रीय विचारधारा में आदर्श के रूप में देखा जाता है। विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर उनका “एक देश में दो निशान, दो विधान, दो प्रधान नहीं चलेंगे” का नारा आज भी जनमानस में गूंजता है।
उन्होंने अनुच्छेद 370 के विरोध में आंदोलन किया था और इसी आंदोलन के दौरान उन्हें गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद 23 जून 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई, जिसे बलिदान दिवस के रूप में स्मरण किया जाता है।
जनसंघ के संस्थापक और राष्ट्रवादी विचारक
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी भारतीय जनसंघ के संस्थापक थे, जो बाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मूल आधार बनी। उन्होंने भारतीय राजनीति में राष्ट्रवाद, सांस्कृतिक एकता और आत्मनिर्भरता की भावना को न केवल जन्म दिया बल्कि उसे जन आंदोलन का रूप भी दिया।
देशभर में श्रद्धांजलि कार्यक्रम
बलिदान दिवस के अवसर पर भाजपा और उससे जुड़े संगठनों द्वारा देशभर में कई श्रद्धांजलि सभाएं, संगोष्ठियाँ और जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन आयोजनों में डॉ. मुखर्जी के विचारों और उनके योगदान को जनमानस तक पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है।
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