सुरक्षा रेलवे के परिचालन का केंद्रित क्षेत्र है और किसी को भी उस मोर्चे पर लापरवाही नहीं बरतने दी जाएगी – श्री पीयूष गोयल

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20 मार्च।

“सुरक्षा रेलवे की परिचालन का केंद्रित क्षेत्र है और किसी को भी उस मोर्चे पर लापरवाही नहीं बरतने दी जाएगी। सभी संबंधित लोगों को गाड़ियों को चलाने में जरूरी सुरक्षा उपायों की गहन समीक्षा और बार-बार निगरानी करनी चाहिए” यह बातें केंद्रीय रेल, वाणिज्य और उद्योग और उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री श्री पीयूष गोयल ने आज “सुरक्षा उपायों” पर रेलवे के बोर्ड सदस्यों और क्षेत्रीय महाप्रबंधकों के साथ ही हुई एक समीक्षा बैठक में कहीं है।

सुरक्षा मामलों की समीक्षा करते हुए मंत्री ने आग जैसे खतरों से बचाव के उपायों और सिग्नल, क्रॉसिंग की सतर्कता पर जरूरी ध्यान देने की सलाह दी। उन्होंने अधिकारियों को सुरक्षा उल्लंघनों के मूल कारणों के विश्लेषण पर ध्यान केंद्रित करने को कहा और एक सुरक्षा अभियान शुरू करने की सलाह दी।

श्री पीयूष गोयल ने रेलवे अधिकारियों को ट्रेनों में ध्रूमपान के खिलाफ यात्रियों को जागरूक करने की दिशा में सक्रिय कदम उठाने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने कहा ट्रेन में धूम्रपान कर दूसरों को जोखिम में डालने वाले यात्रियों पर भी सख्ती करने की जरूरत है।

माननीय मंत्री ने कहा ट्रेन के कोचों के निर्माण में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्रियों की गुणवत्ता अच्छे से अच्छी हो इसे भी सुनिश्चित करने के आवश्यकता है

यह ध्यान देने की बात है कि पिछले 3 वर्षों में भारतीय रेलवे के सुरक्षा प्रदर्शन में तेजी से सुधार हुआ है। ऐसा मिशन मोड में उठाएं गए सुरक्षा कदमों की वजह से हुआ है। जो निम्नलिखित हैं:

 

(1) जनवरी 2019 से ब्रॉड गेज लाइन पर मानवरहित क्रॉसिंग खत्म

(2) मानव संचालित क्रॉसिंग गेट की तेजी से समाप्ति

(3) पुलों का पुनर्निर्माण

(4) ट्रैक का नवीनीकरण

(5) जनवरी 2018 से आईसीएफ कोच का उत्पादन बंद किया गया और कहीं ज्यादा सुरक्षित एलएचबी कोच का निर्माण किया जा रहा है।

(6) पुराने मैकेनिकल सिग्नलिंग प्रणाली के स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक सिग्नलिंग को तेजी से स्थापित करना

(7) स्वदेशी ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली को शुरू करना

8) ट्रैक और पुलों का मशीनीकृत रखरखाव और निरीक्षण

(9) लोकोमोटिव पायलटों का सिम्युलेटर आधारित प्रशिक्षण

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