समग्र समाचार सेवा
संभल,15 दिसंबर।
उत्तर प्रदेश के संभल में अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान एक प्राचीन हनुमान मंदिर से चौंकाने वाला रहस्य सामने आया है। मुस्लिम आबादी के बीच स्थित इस मंदिर का ताला लगभग 46 साल से बंद था। यहां अवैध कब्जा किया गया था, लेकिन अब इसे प्रशासन ने मुक्त करा लिया है। इस मंदिर में शिवलिंग और नंदी की मूर्ति भी सुरक्षित मिली हैं, हालांकि परिसर में कई तरह की तोड़फोड़ की गई थी।
सीओ अनुज चौधरी ने बताया कि स्थानीय निवासियों की सूचना पर इस मंदिर का ताला तोड़ा गया। अंदर धूल से ढकी मूर्तियां और मंदिर का ढांचा मिला। यह मंदिर संभल के खग्गू सराय इलाके में स्थित है। प्रशासन ने भारी सुरक्षा के बीच इसे पूरी तरह खोल दिया है। घटना के बाद एसएसपी समेत अन्य आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए और डीएम व एसपी ने सघन चेकिंग अभियान चलाया।
संभल की मुस्लिम आबादी वाले मोहल्ले में पिछले कई सालों से बंद पड़े मंदिर का ताला खोला गया। शिवलिंग और भगवान हनुमान की मूर्ति पर धूल जमी मिली। हिंदू आबादी के पलायन के बाद से परिसर पर अवैध कब्जा था। @NavbharatTimes pic.twitter.com/0cCuisdyJL
— NBT Uttar Pradesh (@UPNBT) December 14, 2024
1978 के दंगों के बाद से बंद था मंदिर
स्थानीय निवासी और नगर हिंदू सभा के संरक्षक के अनुसार, 1978 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान इस क्षेत्र में रहने वाले हिंदुओं के घरों को आग के हवाले कर दिया गया था। डर के चलते हिंदू परिवारों ने यहां से पलायन कर दिया और हिंदू बहुल इलाकों में बस गए। पलायन के बाद मंदिर को ताले में बंद कर दिया गया और भजन-कीर्तन की परंपरा समाप्त हो गई।
अवैध कब्जा और तोड़फोड़
स्थानीय लोगों के अनुसार, इस मंदिर के पास स्थित कुएं को अकील अहमद नामक व्यक्ति ने पाट दिया और पीपल के पेड़ को काटकर मंदिर परिसर पर अवैध कब्जा कर लिया। मंदिर के पुजारी ने भी भयवश अपना मकान बेच दिया और यहां से चले गए।
#WATCH | Sambhal, UP: Sambhal CO Anuj Kumar Chaudhary says, "We had received information that a temple in the area was being encroached upon. When we inspected the spot, we found a temple there." https://t.co/APfTv9dpg8 pic.twitter.com/ZhVpqR4or7
— ANI (@ANI) December 14, 2024
अतिक्रमण हटाओ अभियान के बाद अब मंदिर को जनता के लिए खोल दिया गया है। प्रशासन की ओर से मंदिर की सुरक्षा बढ़ाई गई है और परिसर को पुनः धार्मिक गतिविधियों के लिए तैयार किया जा रहा है। यह घटना स्थानीय स्तर पर काफी चर्चा का विषय बनी हुई है और धार्मिक-सांस्कृतिक धरोहर की पुनर्स्थापना के लिए प्रशासन पर बड़े कदम उठाने का दबाव है।
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