समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 2 मई। भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) की अधिकारी संगीता सिंह को केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरपर्सन का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। जेबी महापात्र 30 अप्रैल को सीबीडीटी प्रमुख के पद से सेवानिवृत्त हो गए हैं, जिसके बाद संगीता सिंह को अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वित्त मंत्रालय की ओर से रविवार को जारी आदेश के अनुसार, आयकर कैडर की 1986 बैच की आईआरएस अधिकारी संगीता सिंह तीन महीने या नियमित चेयरमैन की नियुक्ति, जो भी पहले हो, तक सीबीडीटी के चेयरपर्सन का अतिरिक्त प्रभार भी संभालेंगी।
अभी सीबीडीटी मेंबर हैं संगीता सिंह
फिलहाल सिंह सीबीडीटी में सदस्य (आयकर और राजस्व) हैं। इसके अलावा उनके पास सीबीडीटी में सदस्य (करदाता सेवाओं) का अतिरिक्त प्रभार भी है। सीबीडीटी में चेयरमैन के अलावा छह सदस्य होते हैं। सभी सदस्य विशेष सचिव के स्तर के होते हैं। यह आयकर विभाग का प्रशासनिक निकाय है। फिलहाल सीबीडीटी में पांच सदस्य हैं। सबसे वरिष्ठ सदस्य 1985 बैच की आईआरएस अधिकारी अनुजा सारंगी है। 1985 बैच के आईआरएस अधिकारी महापात्र शनिवार को सेवानिवृत्त हुए। महापात्र को पिछले साल सितंबर में सीबीडीटी का पूर्णकालिक चेयरमैन नियुक्त किया गया था। हालांकि, वह 31 मई, 2021 से चेयरमैन का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे।
क्या है सीबीडीटी? समझिए
सीबीडीटी यानी केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड वित्त मंत्रालय में राजस्व विभाग का एक हिस्सा है। भारत में प्रत्यक्ष कर से संबंधित सभी मामले 1 जनवरी 1964 से केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को सौंप दिए गए थे। सीबीडीटी को राजस्व बोर्ड अधिनियम 1963 से अधिकार प्राप्त हैं। सीबीडीटी भारत में प्रत्यक्ष कर की नीतियों और योजनाओं के लिए आवश्यक इनपुट्स प्रदान करता है। साथ ही यह आयकर विभाग के माध्यम से प्रत्यक्ष कर कानूनों के प्रशासन के लिए जिम्मेदार है। सीबीडीटी के छह सदस्य होते हैं। सीबीडीटी के अध्यक्ष और सदस्यों का चयन भारतीय राजस्व सेवा और भारत की प्रमुख सिविल सेवा से किया जाता है।
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