संघ की नई पहल: कर्मकांड से आगे सामाजिक परिवर्तन की दिशा में आरएसएस

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,27 फरवरी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने हाल ही में समाज सुधार और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य केवल पारंपरिक धार्मिक कर्मकांडों तक सीमित न रहकर, समाज के व्यापक विकास और समावेशी परिवर्तन की ओर बढ़ना है।

संघ की सामाजिक परिवर्तन पहल

RSS लंबे समय से हिंदुत्व, राष्ट्रवाद और सामाजिक एकता पर जोर देता रहा है, लेकिन अब संगठन शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और गरीब तबकों के उत्थान पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रहा है। इस पहल के तहत, संघ सामाजिक कार्यों को अधिक व्यापक और प्रभावी बनाने की दिशा में कार्य कर रहा है।

मुख्य पहलें और उनके उद्देश्य

  1. शिक्षा और संस्कार:

    • संघ गरीब बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा अभियान चला रहा है।
    • आदिवासी और ग्रामीण इलाकों में सरस्वती शिशु मंदिरों और गुरुकुलों के माध्यम से पारंपरिक मूल्यों और आधुनिक शिक्षा का समावेश किया जा रहा है।
  2. स्वास्थ्य और सेवा कार्य:

    • ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में निःशुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
    • संघ के स्वयंसेवक रक्तदान और आपदा राहत कार्यों में सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।
  3. पर्यावरण संरक्षण:

    • ‘एक वृक्ष, एक स्वयंसेवक’ अभियान के तहत वृक्षारोपण और जल संरक्षण परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।
    • प्लास्टिक मुक्त भारत और स्वच्छता अभियान को संघ ने अपनी प्राथमिकताओं में शामिल किया है।
  4. सामाजिक समरसता और समावेशी विकास:

    • जातिवाद और भेदभाव को खत्म करने के लिए समरसता भोज और संपर्क अभियान चलाए जा रहे हैं।
    • वंचित समुदायों को मुख्यधारा में लाने के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण और रोजगार योजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है।

राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव

RSS की इस पहल को केवल एक धार्मिक संगठन की गतिविधि के रूप में नहीं देखा जा सकता, बल्कि यह सामाजिक संरचना को मजबूत करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभियान विभिन्न वर्गों के बीच समरसता बढ़ाने और राष्ट्रवाद को मजबूती देने में सहायक होगा

निष्कर्ष

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की यह पहल केवल कर्मकांड और परंपराओं तक सीमित न रहते हुए सामाजिक विकास और समरसता की ओर बढ़ रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और समाज सुधार के कार्यों में संघ की बढ़ती सक्रियता यह दर्शाती है कि यह संगठन भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण और सामाजिक परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है

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