सरदार वल्लभभाई पटेल की 141वीं जयंती और राष्ट्रीय एकता दिवस: लौह पुरुष को नमन
सरदार वल्लभभाई पटेल
31 अक्टूबर को हम भारत के लौह पुरुष, सरदार वल्लभभाई पटेल की 141वीं जयंती मनाते हैं। उनकी जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने का उद्देश्य न केवल उनके योगदानों को याद करना है, बल्कि देश में एकता और अखंडता के संदेश को फैलाना भी है। सरदार पटेल ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई और देश के विभाजन के बाद रियासतों का एकीकरण कर उसे एक सूत्र में बांधने का कार्य किया।
सरदार पटेल का जीवन और योगदान
सरदार वल्लभभाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाड में हुआ। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान नेताओं में से एक थे। उनकी राजनीतिक सूझ-बूझ और नेतृत्व क्षमता के कारण उन्हें “लौह पुरुष” की उपाधि प्राप्त हुई। स्वतंत्रता के बाद, जब भारत को विभिन्न रियासतों के साथ एकजुट करना था, तो उन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और अद्वितीय कौशल का परिचय दिया। उनकी कड़ी मेहनत और निस्वार्थता के कारण ही भारत के सभी रियासतें एकत्रित होकर एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर सकीं।
राष्ट्रीय एकता दिवस का महत्व
सरदार पटेल की जयंती पर मनाया जाने वाला राष्ट्रीय एकता दिवस इस बात का प्रतीक है कि जब जनता एक हो जाती है, तब कोई भी क्रूर शासन टिक नहीं सकता। पटेल ने हमेशा जाति, धर्म और सामाजिक भेदभाव को भुलाकर एकजुटता का संदेश दिया। उनका यह विचार आज भी प्रासंगिक है, कि हमें अपनी पहचान से ऊपर उठकर एक साथ खड़ा होना चाहिए।
इस दिन को मनाने के लिए देश भर में “रन फॉर यूनिटी” जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ये कार्यक्रम हमें एकजुटता और एकता के महत्व की याद दिलाते हैं। इस अवसर पर हम सभी को अपने भीतर की अच्छाई को पहचानते हुए एकजुट होकर अन्याय का सामना करना चाहिए, जैसे सरदार पटेल ने किया।
सरदार पटेल के प्रेरणादायक विचार
सरदार पटेल ने हमेशा से कहा है कि:
- “जब जनता एक हो जाती है, तब उसके सामने क्रूर से क्रूर शासन भी नहीं टिक सकता। अतः जात-पांत के ऊंच-नीच के भेदभाव को भुलाकर सब एक हो जाइए।”
- “आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आंखों को क्रोध से लाल होने दीजिये, और अन्याय का सामना मजबूत हाथों से कीजिए।”
इन विचारों के माध्यम से उन्होंने हमें सिखाया कि एकता में बल है और हमें किसी भी अन्याय का डटकर सामना करना चाहिए।
निष्कर्ष
सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर, हम उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लेते हैं। उनकी सोच और दृष्टि आज भी हमारे लिए प्रेरणास्त्रोत है। आइए, हम सभी मिलकर देश में एकता और अखंडता का संकल्प लें और अपने देश को सशक्त बनाने की दिशा में कदम बढ़ाएं। सरदार पटेल के सपनों का भारत बनाने के लिए हमें उनके आदर्शों को आत्मसात करना होगा।
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