SC ने बिना सबूत के 2,000 रुपये के करेंसी नोट एक्सचेंज पर RBI के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11 जुलाई। सुप्रीम कोर्ट ने उस अपील पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दी गई थी, जिसमें भारतीय रिजर्व बैंक की उस अधिसूचना के खिलाफ जनहित याचिका को खारिज कर दिया गया था, जिसमें सोमवार को बिना किसी मांग पर्ची या पहचान प्रमाण के 2,000 रुपये के नोटों को बदलने की अनुमति दी गई थी।
अपील वकील अश्विनी उपाध्याय के नाम से दायर की गई थी और इसे आज मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने खारिज कर दिया।
पीठ ने अपील खारिज करते हुए कहा, ”यह कार्यकारी नीति निर्णय का मामला है।”
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 29 मई को मांग पर्ची या आईडी सत्यापन के बिना 2,000 रुपये मूल्यवर्ग के मुद्रा नोटों के आदान-प्रदान की अनुमति देने वाले नोटिस को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया।
शीर्ष अदालत ने कहा कि यह निर्णय नागरिकों को असुविधा से बचने के लिए किया गया था और यह किसी नीतिगत मुद्दे पर अपील प्राधिकारी के रूप में काम नहीं कर सकता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाई कोर्ट ने कहा कि यह दावा नहीं किया जा सकता कि सरकार की पसंद विकृत या मनमानी है, या वह काले धन, मनी लॉन्ड्रिंग, मुनाफाखोरी या भ्रष्टाचार का समर्थन करती है।
उपाध्याय ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ अपील दायर की।
उपाध्याय के अनुसार, अपराधी और आतंकवादी आधार कार्ड की तरह बिना किसी मांग पर्ची या आईडी प्रमाण के 2,000 रुपये के बैंक नोटों का आदान-प्रदान कर रहे हैं।
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