छात्रवृत्ति योजनाएं बनीं शिक्षा की सीढ़ी, लाखों छात्रों को मिला सहारा: बिहार सरकार

समग्र समाचार सेवा,

बिहार, 31 मई:

बिहार सरकार ने दावा किया है कि राज्य की छात्रवृत्ति योजनाओं से वित्तीय वर्ष 2023-24 और 2024-25 में लगभग 50 लाख छात्रों को लाभ मिला है। सरकार की माने तो यह योजनाएं शिक्षा रूपी दीपक में तेल का काम कर रही हैं, जिससे कमजोर सामाजिक तबकों के बच्चों का भविष्य उजागर हो रहा है।

मुख्यमंत्री प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना बनी सहारे की डोरी
मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में लगभग 48.94 लाख छात्रों को लाभ मिला। छात्रों की प्रारंभिक शिक्षा को मजबूती देने के लिए 598 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई। यह योजना उन छात्रों के लिए जैसे है, जैसे नदी पार करने के लिए बांस की मजबूत नाव – ताकि वे मझधार में न फंसे और अपनी पढ़ाई सुगमता से पूरी कर सकें।

मेधावी छात्रों के लिए विशेष योजना
मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग मेधावृत्ति योजना का उद्देश्य अत्यंत पिछड़े वर्ग के होनहार छात्रों को प्रोत्साहित करना है। इस योजना से 1.10 लाख विद्यार्थी लाभान्वित हुए, जिनमें 49 हजार बालिकाएं और 61 हजार बालक शामिल हैं। यह योजना उन छात्रों के लिए टॉर्च की तरह है जो अंधेरे में भी रास्ता दिखाती है।

उच्च शिक्षा के सपनों को मिला उड़ान
बिहार सरकार ने उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए 110 करोड़ रुपये की राशि वितरित की है। वहीं मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग मेधावृत्ति योजना के तहत 77 हजार छात्रों को 77 करोड़ रुपये मिले हैं। इन योजनाओं ने छात्रों के शिक्षा रूपी रथ में पहिए लगा दिए हैं, जिससे वे आगे बढ़ सकें।

कुल लाभ और उद्देश्य
सभी योजनाओं को मिलाकर वर्ष 2024-25 में सरकार ने 786 करोड़ रुपये की राशि खर्च की है, जिससे करीब 50 लाख छात्र लाभान्वित हुए हैं। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य यह है कि सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों को शिक्षा के मैदान में एक जैसी दौड़ के लिए समान ट्रैक दिया जाए।

सशक्त और शिक्षित बिहार की दिशा में कदम
पिछड़ा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का कहना है कि ये योजनाएं छात्रों को न केवल पढ़ाई में मदद कर रही हैं, बल्कि उन्हें समाज में सक्रिय भागीदारी के लिए भी तैयार कर रही हैं। सरकार का मानना है कि ये योजनाएं बिहार को ज्ञान की खेती वाला खेत बना सकती हैं, जिसमें बोया गया हर बीज एक शिक्षित नागरिक के रूप में फल देगा।

यह रिपोर्ट शिक्षा को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है – एक ऐसा प्रयास जिसमें हर बच्चा किताब के पन्नों से अपना भविष्य लिख सके।

 

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