वैज्ञानिकों ने समंदर में खोजी एक अनोखी जगह, जहां भूखी शार्क से बचने के लिए छोटे जीवों ने बनाया अपना बसेरा
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27अक्टूबर। जीव ही जीव का भोजन है। बड़े जीव ही छोटे जीव का शिकार कर अपना आहार बनाते है। ठीक वैसे ही समुंद्र के बडे़ जीव ही छोटे जानवरो का अपना भोजन बनाते है। समंगर में शार्क का ही राज चलता है वे छोटे मछलियों और जीवों को खा जाते है। लेकिन धरती पर कई तरह की रिसर्च वैज्ञानिकों को हिंद महासागर की हजारों फीट गहराई में में अनोखी और रहस्यमयी दुनिया का पता चला है जहां हजारों फीट की गहराई में भी जीवन की मौजूदगी देखकर वैज्ञानिक दंग रह गए। हिंद महासागर के इस क्षेत्र में ज्यादातर छोटे जीव रहते हैं जो उन्हें शार्कों का शिकार होने से बचाती है।
New 'oasis of life' filled with ravenous sharks is found hiding beneath Maldives ocean https://t.co/SBKhTQURMy
— Live Science (@LiveScience) October 25, 2022
क्यों है यह जगह खास?
हिंद महासागर के जिस क्षेत्र में रिसर्च किया जा रहा था, वह बिलकुल अलग दुनिया है जो समुद्र तल से 1640 फीट नीचे गहराई में है। यह बेहद खतरनाक इसलिए भी हो जाती है क्योंकि यह जगह भूखी शार्कों से भरी हुई है। वैज्ञानिक इसे ‘ट्रेपिंग जोन’ के नाम से बुलाते हैं। यह हिंद महासागर के ‘साथो राहा’ के नजदीक है। ‘सातो राहा’ एक ज्वालामुखी है. जहां शार्क बेहद ही आक्रमक नजर आती हैं और झुंड में शिकार करती हैं। यह एक बिलकुल नए तरह का इकोसिस्टम है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के मरीन ईकोलॉजिस्ट एलेक्स रोजर्स ने कहा कि यह जीवन के लिए एक नई जगह साबित हो सकती है. यहां शार्क के अलावा कई शिकारी मछलियां भी मौजूद हैं।
ग्लोबल वार्मिंग मालदीव के लिए खतरा
अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे की मानें तो ग्लोबल वार्मिंग से मालदीव को बहुत खतरा है. ग्लोबल वार्मिंग की रफ्तार यही रही तो 2050 तक करीब 80% मालदीव मर चुका होगा। इस नई दुनिया को खोजने के बाद वैज्ञानिक ये समझने की कोशिश में हैं कि यह नया और अजीबोगरीब इकोसिस्टम कैसे तैयार हुआ होगा. इसके साथ वैज्ञानिक यह समझ पाएंगे की माइक्रोनेक्टन को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है।
Comments are closed.