समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 6जनवरी। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपने निज सचिव पुरुषोत्तम पाराशर को हटाये जाने की खबर है। बताया जा रहा है कि यह निर्णय दो दिन पहले ही हो चुका है जो अब मीडिया में सामने आया है। पुरुषोत्तम पाराशर करीब 15 साल से ज्योतिरादित्य सिंधिया के निज सचिव थे।
जानकारी के मुताबिक़ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को पुरुषोत्तम पाराशर की लगातार शिकायतें मिल रही थीं। साथ ही कुछ शिकायतों के प्रमाण भी अलग-अलग स्तर पर सिंधिया तक पहुंचाए गए थे। जिसके बाद सिंधिया की ओर से यह फैसला लिया गया है।
यह भी कहा जा रहा है कि पुरुषोत्तम पाराशर ने मंगलवार को आंतरिक व्हाटसएप ग्रुप में पोस्ट कर साझा भी किया कि वह अब सिंधिया के निज सचिव का कार्य नहीं देख रहे हैं। वहीं 15 साल से निज सचिव का जिम्मा संभाल रहे पुरुषोत्तम पाराशर को हटाए जाने की खबर पर हैरानी भी जताई जा रही है।
साल 2021 में पुरुषोत्तम पाराशर को मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (MPCA) का सदस्य बनाये जाने के बाद सुर्खियों में आ गए थे। एमपीसीए में जो पांच नए सदस्य नियुक्त किए गए थे उनमें भाजपा सांसद और एमपीसीए के पूर्व चेयरमैन ज्योतिरादित्य सिंधिया के निजी सचिव पुरुषोत्तम पाराशर का भी नाम था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ पुरुषोत्तम पाराशर मूलतः एक पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग के कर्मचारी थे। जो ज्योतिरादित्य सिंधिया के स्टाफ में तब आए जब वे केंद्र में मंत्री थे। दतिया के रहने वाले पुरुषोत्तम पाराशर का विवादों में नाम तब आया जब पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ने एक ऑडियो जारी किया जिसमें एक विधायक उम्मीदवार पुरुषोत्तम पाराशर के पास पैसे रखने की बात कहते नज़र आ रहे थे। इस वीडियो पर बड़ा सियासी घमासान भी मचा था।
माना जाता है कि सिंधिया द्वारा दलबदल कराने के पीछे पुरुषोत्तम पाराशर का बहुत बड़ा योगदान है। सिंधिया समर्थक विधायक जब बेंगलुरु के रिसोर्ट में थे तब पराशर लगातार बंधक विधायकों के संपर्क में थे। ऐसा माना जाता है कि पुरुषोत्तम पाराशर बहुत ही महत्वाकांक्षी हैं और उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा भी हैं।
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