एससीओ शिखर सम्मेलन में मोदी का आतंकवाद पर कड़ा प्रहार, पाकिस्तान को किया बेनकाब

समग्र समाचार सेवा
तियानजिन (चीन), 1 सितंबर: चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के उद्घाटन भाषण के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने पाकिस्तान पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि कुछ देश खुले तौर पर आतंकवाद का समर्थन कर रहे हैं और इसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत आतंकवाद के मुद्दे से की और विशेष रूप से हाल ही में हुए जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र किया, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। इस हमले की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, “हमने पहलगाम में आतंकवाद का सबसे बुरा चेहरा देखा। जब तक आतंकवाद और उग्रवाद का खतरा बना रहेगा, कोई भी समाज सुरक्षित नहीं हो सकता।”

इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी बैठक में मौजूद थे, जिससे प्रधानमंत्री मोदी के कड़े शब्दों का असर और गहरा माना जा रहा है।

आतंकवाद के खिलाफ शून्य सहनशीलता का संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आतंकवाद और उग्रवाद मानवता के लिए सबसे गंभीर खतरे हैं और इसके खिलाफ दोहरे मापदंड अस्वीकार्य हैं। उन्होंने सदस्य देशों से अपील की कि वे शून्य सहनशीलता की नीति अपनाएं और आतंकवाद को किसी भी रूप में वैधता देने से बचें।

उन्होंने कहा, “क्या कुछ देशों द्वारा आतंकवाद को खुला समर्थन हमें स्वीकार्य हो सकता है? हमें स्पष्ट कर देना चाहिए कि इस पर कोई समझौता नहीं होगा। आतंकवाद को हर रूप में निंदा करनी होगी।”

मोदी ने अपने संबोधन में उन देशों की भी आलोचना की जो आतंकी नेटवर्क को राजनीतिक समर्थन और पनाह देते हैं। उन्होंने कहा कि यह न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए भी खतरा है।

एससीओ की भूमिका और भारत का संदेश

एससीओ शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय स्थिरता, आर्थिक सहयोग और बहुपक्षीय कूटनीति पर चर्चा हुई। मोदी ने कहा कि भारत आज सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन के मंत्र पर आगे बढ़ रहा है और सदस्य देशों को भारत की विकास यात्रा का हिस्सा बनने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि भारत डिजिटल प्रगति, ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में साझेदारी के लिए तैयार है। मोदी ने यह भी दोहराया कि भारत की प्राथमिकता क्षेत्रीय शांति और स्थिरता सुनिश्चित करना है।

शी जिनपिंग का उद्घाटन भाषण

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने संबोधन में एससीओ को एक स्थिरकारी शक्ति बताया और सभी सदस्य देशों के बीच सहयोग मजबूत करने का आह्वान किया। उन्होंने एकतरफावाद का विरोध करने और वैश्विक न्याय की रक्षा के लिए एकजुट होने पर जोर दिया।

शी ने घोषणा की कि चीन एससीओ सदस्य देशों में 100 लघु-स्तरीय विकास परियोजनाएं लागू करेगा, जिनका उद्देश्य जरूरतमंद क्षेत्रों में आजीविका सुधारना होगा। उन्होंने कहा कि एससीओ का मकसद केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं है बल्कि इसका उद्देश्य आर्थिक और सामाजिक प्रगति को भी गति देना है।

एससीओ शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी का पाकिस्तान पर सीधा हमला और आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश यह दर्शाता है कि भारत अब किसी भी मंच पर राज्य समर्थित आतंकवाद पर चुप्पी नहीं साधेगा। मोदी ने न सिर्फ पाकिस्तान को बेनकाब किया, बल्कि सदस्य देशों से साफ कर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मापदंड की कोई जगह नहीं है।

 

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