समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10फरवरी। कोविड महामारी के दौरान वरिष्ठ नागरिकों की विभिन्न श्रेणियों में खत्म की गई रियायतों की पुन: समीक्षा की जानी चाहिए। रेल संबंधी संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष राधामोहन सिंह ने हाल में संसद में पेश रिपोर्ट में यह उल्लेख किया है. समिति ने कहा, रेलवे ने कोविड प्रोटोकॉल के मद्देनजर वरिष्ठ नागरिकों को विभिन्न श्रेणी में दी जाने वाली रियायत बंद कर दी थी. इसमें 58 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को किराये में 50 एवं 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के पुरुषों को 40 रियायत दी जाती थी. महामारी से पहले 60 साल से ज्यादा उम्र के नागरिकों को 50 फीसदी की छूट मिलती थी. अब कोविड-19 का खतरा कम होने और देश में अन्य सभी तरह की गतिविधियों के पूरी तरह सामान्य होने के बाद भी वरिष्ठ नागरिकों को ये राहत नहीं बहाल की गई थी.
अश्विनी वैष्णव ने कही ये बात : इस बीच केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने राज्य सभा में एक लिखित सवाल का जवाब देते हुए कहा कि रेलवे जल्द ही सीनियर सिटीजन को मिलने वाली छूट को बहाल कर सकता है. उन्होंने राज्यसभा को बताया कि भारतीय रेलवे ने 2019-20 में यात्री टिकटों पर 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी, जो यात्रा करने वाले हर शख्स के लिए लगभग 53 फीसदी की औसत रियायत है. रेलवे बोर्ड ने बताया कि वो वरिष्ठ नागरिकों के किराए में रियायत देने का प्लान बना रहा है. रेलवे इस मामले पर अभी विचार कर रहा है, लेकिन इसके नियमों में कुछ बदलाव कर सकता है. फिलहाल इसके लिए स्थायी समिति इस पर विचार कर रही है. वरिष्ठ नागरिकों को कम से कम स्लीपर और 3 एसी रियायत की समीक्षा करने की सलाह दी है.
वहीं संसदीय पैनल ने भी सिफारिश की है कि सीनियर सिटीजन को रेलवे टिकट पर छूट बहाल की जानी चाहिए. दूसरी ओर, अनारक्षित जनरल टिकट की बुकिंग के लिए रेलवे ने एक स्पेशल ऐप लॉन्च किया है. अब टिकट लेने के लिए यात्रियों को लंबी कतारों में लगने की जरूरत नहीं होगी. टिकट काउंटर कम संख्या कम होने के कारण कई बार यात्रियों को लंबी लाइनों में घंटों खड़े रहना पड़ता है. अब यह परेशानी खत्म हो गई है.
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