समग्र समाचार सेवा
भोपाल, 26सितम्बर। ऑनलाइन अंतर्राष्ट्रीय सम्मान समारोह में गुरुवार (23 सितम्बर) को देश की चार नामचीन हस्तियों को आईएनवीसी इंटरनेशनल अवार्ड, 2020 से सम्मानित किया गया। जिनमें वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पवन जैन भी शामिल थे। सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि ओस्लो नॉर्वे से जुड़े टोरे जोहन ब्रेविक ने कहा कि वे भारतीय संस्कृति के बहुत बड़े प्रशंसक हैं। उन्होंने कहा कि इस अवॉर्ड सेरिमनी में सम्मानित विभिन्न क्षेत्र की प्रतिभाओं से लोगों को जनसेवा, पर्यावरण एवं शिक्षा सेवा के लिए प्रेरणा लेनी चाहिए।
गौरतलब है कि श्री पवन जैन भारत के ऐसे पहले आईपीएस अधिकारी हैं जिन्होंने किसी विशुद्ध विज्ञान विषय को हिन्दी माध्यम से लिख कर सिविल सेवा परीक्षा में सफलता हासिल की। श्री पवन जैन राजस्थान के धौलपुर जिले की राजाखेड़ा तहसील के निवासी हैं जिन्होंने शासकीय सेवा के दौरान हिंदी भाषा के साथ-साथ लोक सेवा एवं जनसेवा को अपना राष्ट्रीय मिशन बनाकर सेवा के प्रकल्प के रूप में चुना है। श्री पवन जैन अनेकों बार गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर लाल किले की प्राचीर से कविता पाठ कर चुके हैं। उन्होंने विदेशों में भी कविता पाठ किया है।
समारोह में राष्ट्रीय मोटिवेशनल गुरु पीएम भारद्वाज को इंडस्ट्री एकेडमी लिंकेज, राष्ट्र निर्माण एवं युवा सशक्तिकरण, शिक्षाविद श्रीमती भारती पाराशर को तकनीकी शिक्षा प्रसार एवं महिला सशक्तिकरण, अंतर्राष्ट्रीय डिप्लोमेट विजय समनोत्रा को पर्यावरण डिप्लोमेसी, लोक सेवा एवं राष्ट्र निर्माण और आईपीएस पवन जैन को जन सेवा के क्षेत्र में किए गए सराहनीय कार्यो, खेल विकास एवं हिंदी कविता के माध्यम से राष्ट्र निर्माण और पुलिस एवं समाज सेवा के क्षेत्र में किए गए अतिविशिष्ट योगदान के लिए अंतरराष्ट्रीय समाचार एवं विचार निगम के लाइफ टाइम अचीवमेंट्स इंटरनेशनल अवार्ड एवम आईएनवीसी इंटरनेशनल अवॉर्ड्स से सम्मानित किया गया।
खेल विभाग में किया सराहनीय कार्य
खेल विभाग में करीब 14 महीने के अपने अल्प कार्यकाल के दौरान पवन जैन ने अत्यंत सराहनीय कार्य किए। उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक में जाने वाले प्रदेश के खिलाडि़यों को प्रोत्साहित किया। ओलिंपिक और पैरालंपिक में मप्र के खिलाडि़यों ने भागीदारी की और पदक भी जीते । सर्वाधिक विषम परिस्थितियों के इस कोरोना काल में दो बार लॉकडाउन भी लगा। उन्होंने बड़ी कुशलता से इस विकट स्थिति को संभाला और खिलाडि़यों को सुरक्षित घर पर पहुंचाया। स्थिति सामान्य होने पर खेल गतिविधियों को भी पूरे देश में पुन: सबसे पहले प्रारंभ भी कराया। पैरालंपिक में देश के लिए पदक जीतने वाले बिहार के रहने वाले शरद कुमार को अभ्यास के लिए हर संभव सहयोग किया। शरद कुमार एक माह तक टी टी नगर स्टेडियम में यूक्रेनियाई कोच के साथ रहकर कड़ी मेहनत की और टोक्यो ओलंपिक में देश को पदक दिलाया।
Comments are closed.