शारदीय नवरात्र: कलश स्थापना से पहले कर लें ये तैयारी, मां दुर्गा के नव दिन दो देवियों की ऐसे करें पूजा
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 6अक्टूबर। इस बार शारदीय नवरात्रि 7 अक्टूबर यानि कल से शुरू हो रहे हैं और 15 अक्टूबर को इसका समापन होगा। इस दौरान भक्तजन 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं। मान्यता है कि विधि-विधान से पूजा करने पर मां दुर्गा खुश होकर अपने भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। यह भी कहा जाता है कि 9 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग अवतारों की पूजा करते समय हर दिन अलग रंग के वस्त्र पहनने चाहिए। इससे मां प्रसन्न होती है।
नवरात्रि आरंभ तिथि और घटस्थापना का मुहूर्त
अश्विन मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा आरंभ- 06 अक्टूबर 2021 को शाम 04 बजकर 34 मिनट से.
अश्विन मास शुक्ल पक्ष प्रतिपदा समाप्त- 07 अक्टूबर 2021 को दोपहर 01 बजकर 46 मिनट पर.
घटस्थापना मुहूर्त समय-सुबह 06 बजकर 17 मिनट से 10 बजकर 11 मिनट तक।
नवरात्रि अष्टमी पूजन तिथि और शुभ मूहूर्त
शारदीय नवरात्रि अष्टमी पूजन 13 अक्टूबर 2021 को किया जाएगा.
अष्टमी तिथि आरंभ-12 अक्टूबर 2021 को रात 09 बजकर 47 मिनट से.
अष्टमी तिथि समाप्त-13 अक्टूबर 2021 को रात 08 बजकर 07 मिनट पर।
नवरात्रि नवमी पूजन तिथि और शुभ मूहूर्त
नवमी तिथि आरंभ-13 अक्टूबर 2021 को रात 08 बजकर 07 मिनट से.
नवमी तिथि समाप्त-14 अक्टूबर 2021 को शाम 06 बजकर 52 मिनट
विजय दशमी तिथि और शुभ मुहूर्त
दशमी तिथि आरंभ- 14 अक्टूबर 2021 को शाम 06 बजकर 52 मिनट से.
दशमी तिथि समाप्त- 15 अक्टूबर 2021 को शाम 06 बजकर 02 मिनट पर.
इस साल 8 दिन ही होंगे नवरात्र
शारदीय नवरात्र 7 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं और इस बार 9 की बजाय 8 दिन ही होंगे। इसका कारण है कि बार चतुर्थी और पचंमी तिथि एक साथ पड़ रही है। यानि दो तिथियां एक साथ पड़ने एक दिन घट रहा है। ऐसे में 7 अक्टूबर से 14 अक्टूबर तक शारदीय नवरात्र रहेंगे।
नवरात्रि से पहले कर लें ये काम
नवरात्रि से पहले घर की अच्छी तरह साफ- सफाई कर लेनी चाहिए। नवरात्रि के दौरान साफ- सफाई का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां का वास उन्हीं घरों में होता है जहां साफ- सफाई होती है।
इसके अलावा पूजा से संबधित सारी सामग्री आज ही खरीदें लें ताकि पूजा के समय कोई सामग्री छुट ना जाए।
पूजा सामग्री-
मां दुर्गा की नई प्रतिमा या फोटो, कलश, जौ, मिट्टी और गंगा जल, आम की पत्तियां, साफ मिट्टी, गाय का गोबर, मां दुर्गा के वस्त्र, लाल चुनरी, श्रृगांर का सामान, पूजा की चौकी और आसन, दुर्गा चालीसा और सप्तशती पाठ, हवन की सामग्री, शुद्ध घी, रोली, अक्षत, कपूर, माला, फूल, पान की पत्ता, सुपारी, कमल गट्टा, गुग्गुल लोबांग, अगरबत्ती, दीपक, रूई, लौंग, बताशा, मिठाई, कलावा, बंदनवार, नारियल
पहले दिन
नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप माता शैलपुत्री की पूजा की जाती है।
दूसरे दिन
नवरात्रि के दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी की अराधना की जाती है।
तीसरे दिन
नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप को समर्पित है।
चौथे दिन
नवरात्रि के चौथे दिन दुर्गा मां के कुष्मांडा स्वरूप को पूजा-अर्चना की जाती है।
पांचवें दिन
नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की अराधना की जाती है और कहा जाता है कि मां स्कंदमाता को सफेद रंग प्रिय है।
छठे दिन
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है।
सातवें दिन
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना की जाती है।
आठवें दिन
नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा होती है।
नौवें दिन
नवरात्रि के नौवें और अंतिम दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है।
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