समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23 सितंबर: कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री (विदेश मामलों) शशि थरूर ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उनके व्यापार सलाहकार पिटर नवारो द्वारा भारत के खिलाफ दिए गए “अपमानजनक” बयानों पर कड़ा विरोध जताया। थरूर ने ANI से बातचीत में कहा कि दो राष्ट्रों के निकट संबंधों के बीच इस तरह की भाषा का उपयोग करना बिल्कुल भी उचित नहीं है।
थरूर ने कहा, “भारत के खिलाफ लगाए गए टैरिफ के मामले में यह अन्यायपूर्ण व्यवहार निश्चित रूप से देश में भारी विरोध का कारण बना है। इसके साथ ही ट्रम्प की अपनी भाषा और ट्वीट्स में इस्तेमाल की गई अपमानजनक टिप्पणियों और उनके सलाहकार (पिटर नवारो) के अत्यंत विवादित बयान ने देशभर में प्रतिक्रिया उत्पन्न की है। यदि 30 वर्षों के रिश्ते में कोई विशेष समस्या नहीं है, जो कि और करीब होती जा रही है, तो भारत के बारे में इस तरह की भाषा क्यों इस्तेमाल की जाए? यह बिल्कुल भी सराहनीय नहीं था।”
उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ट्रम्प टैरिफ को “जादुई उपकरण” मानते हैं, जो उनके कई समस्याओं का समाधान कर सकते हैं, जैसे अमेरिकी घाटे में कमी लाना और अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाना।
थरूर ने कहा, “अमेरिका के राष्ट्रपति यह चाहते हैं कि आयातित वस्तुओं की कीमतें बढ़ें ताकि अमेरिकी निर्माता फिर से अमेरिका में उत्पादन शुरू करें और अमेरिकी मजदूरों को रोजगार मिले, जो उनके मुख्य समर्थन वर्ग हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “असल समस्या यह है कि ट्रम्प को लगता है कि टैरिफ कई समस्याओं का जादुई समाधान हैं। बहुत सी वस्तुएं जो पहले अमेरिका में बनती थीं, अब आयात की जा रही हैं। ट्रम्प चाहते हैं कि इसे महंगा किया जाए ताकि अमेरिकी निर्माता अमेरिका में उत्पादन शुरू करें और अपने समर्थन वर्ग के लिए रोजगार बढ़ाएं।”
इससे पहले, व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पिटर नवारो ने भारत से आयात पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के ट्रम्प के निर्णय का समर्थन करते हुए विवादित टिप्पणी की थी। नवारो ने भारत में ब्राह्मणों को “जनता के खर्च पर लाभ कमाने वाला” बताते हुए जातिगत टिप्पणी की।
नवारो ने Fox News को दिए साक्षात्कार में भारत को “क्रेमलिन के लिए लॉन्ड्रोमैट” कहकर आलोचना की और दावा किया कि भारत ने व्यापार असंतुलन और भू-राजनीतिक गठबंधनों को बढ़ावा दिया है, जो अमेरिकी हितों के खिलाफ हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की सराहना की और उन्हें “महान नेता” बताया, लेकिन साथ ही कहा कि भारत का रूस और चीन के साथ जुड़ाव उसकी लोकतांत्रिक प्रतिष्ठा को कमजोर करता है।
शशि थरूर के बयान ने भारतीय और अमेरिकी संबंधों में उत्पन्न विवाद पर नई बहस को जन्म दिया है, और इस मामले पर राजनयिक दृष्टिकोण से भी गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं।
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