जहाजरानी अमृत काल के दौरान आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करने के लिए नए मार्ग खोलेगी : सर्बानंद सोनोवाल

केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने ‘राष्ट्रीय समुद्री दिवस’ के अवसर पर समुद्री जागरुकता वॉकथॉन को झंडी दिखाई

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 6अप्रैल।केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय एवं आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने 60वें राष्ट्रीय समुद्री दिवस के अवसर पर समुद्री जागरुकता वॉकथॉंन को झंडी दिखाई। वॉकथॉंन को पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय राज्य मंत्री श्रीपद वाई नाइक, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सचिव आईएएस सुधांश पंत, राष्ट्रीय जहाजरानी बोर्ड के अध्यक्ष संजीव रंजन, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अपर सचिव राजेश कुमार सिन्हा, नौटिकल सर्वेयर कैप्टन राजेंद्र पोसवाल, राष्ट्रीय समुद्री दिवस के अध्यक्ष तथा विभिन्न अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में दिखाई गई।

कार्यक्रम के दौरान, सर्बानंद सोनोवाल ने लोगों को बधाई दी और उनके प्रति सम्मान प्रकट किया, नाविकों, बंदरगाह के मजदूरों तथा समुद्री सेक्टर के साथ जुड़े प्रत्येक व्यक्ति को सलामी देने के जरिये उनके लगन और कड़ी मेहनत के लिए उनके प्रति सम्मान प्रकट किया।

भारत के आर्थिक विकास के लिए समुद्री क्षेत्र के महत्व को रेखांकित करते हुए सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, ‘‘जहाजरानी राष्ट्र की जीवनरेखा और समृद्धि का मार्ग है। यह पहला राष्ट्रीय समुद्री दिवस है जिसे हम अमृत काल के दौरान मना रहे हैं। भारत के अमृत काल में, जहाजरानी आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए कई नई सीमाएं खोलेगी।”

सर्बानंद सोनोवाल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व के तहत अमृत काल का विजन युवाओं के लिए रोजगार के उत्कृष्ट अवसरों का सृजन करने के लिए है। हमें जहाजरानी को तेजी से बढ़ने वाला एक सेक्टर बनाने के लिए कड़ी मेहनत करनी है जिससे कि भारत समुद्री अवसंरचना में वैश्विक रूप से अग्रणी देश बन जाए और साथ-साथ समुद्री अर्थव्यवस्था में भी प्रमुख देश बन जाए।”

उन्होंने यह भी कहा ‘‘महिला नाविक भी समुद्री सेक्टर में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। मैं उनके बेशुमार योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं।

पहली बार, 5 अप्रैल 1919 में भारतीय कंपनी सिंधिया स्टीम नैवीगेशन कंपनी लिमिटेड का एस एस लॉयल्टी नामक जहाज व्यापार करने के लिए भारत से लंदन गया। उसके स्मरण में बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्रालय प्रत्येक वर्ष पांच अप्रैल को राष्ट्रीय समुद्री दिवस के रूप में मनाता है।

राष्ट्रीय समुद्री दिवस भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में समुद्री व्यापार और वैश्विक व्यापार में अपने रणनीतिक स्थान की महत्वपूर्ण भूमिका को समर्पित है।

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