दही-छाछ-पनीर-आटा-चीनी-चावल पर GSTको लेकर शिवसेना ने कसा तंज, बोले- मोदी सरकार में मरना भी महंगा हो गया
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19जुलाई। दही-छाछ-पनीर-आटा-चीनी-चावल जैसे रोजमर्रा की चीजों पर जीएसटी लगाए जाने पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में केद्र सरकार पर निशाना साधा है. सामना के संपादकीय में लिखा है, तमाम आवश्यक वस्तुओं के दाम आसमान में पहुंचाने के बाद मोदी सरकार ने ”किचन’ की जरूरी वस्तुओं पर ‘जीएसटी’ का हमला चढ़ाया है. ये GST नहीं, मुगलों के समय लगने वाला जजिया कर है. आगे लिखा गया है कि, मोदी सरकार में जीना तो महंगा हो ही गया, लेकिन अब जीएसटी ने मरना भी महंगा कर दिया.
सामना में के संपादकीय में लिखा गया है, रसोईघर में प्रतिदिन इस्तेमाल की जानेवाली दही, छाछ, पनीर, पैकेट बंद आटा, चीनी, चावल, गेहूं, सरसों, जौ आदि सभी सामानों पर पहली बार ही सरकार ने पांच फीसदी जीएसटी लगा दी है. इससे पहले जीएसटी के ऐलान के वक्त पीएम मोदी ने कहा था कि जीवनावश्यक वस्तुओं पर जीएसटी नहीं लगेगी. लेकिन अब उनकी सरकार ने ही इन पर भी टैक्स लगा दिया.
शिवसेना ने कहा, सरकार ने अच्छे दिन का सपना दिखाया था और ‘अच्छे दिन’ का गाजर तो सरकार ने पहले ही तोड़कर खा लिया है, किंतु यह सपना दिखाकर सत्ता में आनेवालों को कम-से-कम जीवनावश्यक वस्तुओं की दर बढ़ाने के दौरान ‘जन’ की नहीं, बल्कि ‘मन’ की तो सुननी चाहिए थी.
सामना में आगे लिखा गया, जरूरत की चीजें तो छोड़िए श्मशान में लगने वाले अंतिम संस्कार की सामग्री पर भी अब 12 फीसदी की बजाय 18 फीसदी जीएसटी वसूली जाएगी. यह मौत की चौखट पर मोदी सरकार द्वारा की जानेवाली ‘कर वसूली’ ही है. इसके अलावा आपकी मृत्यु के बाद प्रवास शुरू ही नहीं होगा. मोदी सरकार के दौर में आम जनता का. जीना तो महंगा हो ही गया है लेकिन अब जीएसटी की कृपा से मरना भी महंगा कर दिया है.
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