समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30जून। कोरोना वायरस महामारी के बीच दुनिया के ज्यादातर देशों में मुख्य धारा की मीडिया पर लोगों का भरोसा बढ़ा है। एशियन कॉलेज ऑफ जर्नलिज्म की सहायता से ‘रायटर्स इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ जर्नलिज्म’ की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट 46 देशों में किए गए सर्वे के आधार पर तैयार की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 44 प्रतिशत लोग मानते हैं कि कोरोना को लेकर मुख्य धारा की मीडिया सजग रही है। वह तथ्यपूर्ण रिपोर्ट सामने लाई है। लेकिन भारत में यह आंकड़ा औसतन 38 प्रतिशत से कम है।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के ‘रॉयटर्स इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ जर्नलिज्म’ द्वारा किए गए सर्वेक्षण में समाचारों पर विश्वास के मामले में फिनलैंड 65 प्रतिशत के साथ सबसे ऊपर है, जबकि अमेरिका अपवाद रहा। यहां सिर्फ 29% लोगों ने कहा कि वे मीडिया पर जारी ज्यादातर समाचारों पर भरोसा करते हैं।
इस दौरान मीडिया ने पक्षपातपूर्ण राजनीतिक विचारों को महत्व नहीं दिया। यही कारण है कि 2020 की शुरुआत से मीडिया पर लोगों का विश्वास बढ़ता गया। सर्वे में लोगों से पूछा गया था कि क्या आप मीडिया पर जारी ज्यादातर समाचारों पर भरोसा करते हैं। फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, जापान और फिनलैड जैसे देशों के लोगों ने ‘हां’ में जवाब दिया।
बता दें कि सर्वे को तीन वर्गों में बांटा गया था। वामपंथी, मध्यम, दक्षिणपंथी। 51% वामपंथियों ने कहा कि मीडिया राजनीतिक विचारों को निष्पक्ष रूप से कवर करता है। सिर्फ 16% दक्षिणपंथियों ने मीडिया पर विश्वास जताया।
सर्वेक्षण के अनुसार एशिया-प्रशांत में, भारत को आठवां स्थान दिया गया है, जबकि थाईलैंड शीर्ष पर है जहां 50 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे समाचारों पर विश्वास करते हैं। रॉयटर्स इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए अध्ययन से यह भी पता चला है कि इस साल झूठी और भ्रामक सूचनाओं के बारे में वैश्विक चिंताएं अधिक हैं।
अध्ययन में एक और दिलचस्प निष्कर्ष सामने आया है कि मशहूर हस्तियां और प्रभावशाली लोग भारत में चार बड़े मंचों फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर सोशल मीडिया समाचार उपयोगकर्ताओं के बीच सबसे अधिक ध्यान आकर्षित करते हैं। हालांकि अध्ययन में संकेत दिया गया है कि इसका आंकड़ा भारत में मुख्य रूप से अंग्रेजी बोलने वाले ऑनलाइन समाचार उपयोगकर्ताओं के सर्वेक्षण पर आधारित है, जो देश में एक बड़े, अधिक विविध, देश में मीडिया बाजार का एक छोटा उपसमूह है।
भारतीय उत्तरदाताओं ने कोविड-19 के बारे में गलत सूचनाएं व्हाट्सएप से (28 प्रतिशत), फेसबुक (16 प्रतिशत), यूट्यूब (14 प्रतिशत), गूगल (सात प्रतिशत) और ट्विटर (चार प्रतिशत) के जरिये मिलने पर चिंता जताई। सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस महामारी के बीच खबरों पर भरोसा बढ़ा है। वैश्विक स्तर पर 44 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे ज्यादातर समाचारों पर भरोसा करते हैं।
भारत उन कुछ देशों में भी शामिल है जहां अधिकांश उत्तरदाताओं (50 प्रतिशत से अधिक) समाचार संगठनों की वित्तीय स्थिति के बारे में चिंतित थे, जबकि यह अनुपात अमेरिका में केवल 32 प्रतिशत, ब्रिटेन में 26 प्रतिशत, जर्मनी में 23 प्रतिशत और सिंगापुर में 41 प्रतिशत था।
सर्वेक्षण के अनुसार भारत के लोगों में, पुराने प्रिंट ब्रांड और सरकारी प्रसारक दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो के प्रति उच्च स्तर का विश्वास दिखाई दिया ।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अमेरिका में जो बाइडेन के राष्ट्रपति बनने के बाद कई रूढ़िवादियों ने समाचार देखना, सुनना और पढ़ना बंद कर दिया है।
साभार- samachar4media.com
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