श्री वाजपेयी जी समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध थे- सुश्री अनसुईया उइके

समग्र समाचार सेवा

रायपुर, 17अगस्त।  राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय, बिलासपुर द्वारा श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की पुण्यतिथि पर ‘‘भारत में सर्व समावेशी राजनीति की प्रासंगिकता’ विषय पर आयोजित वेबीनार में मुख्य अतिथि बतौर शामिल हुई। राज्यपाल ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी महान जन नेता थे। श्री वाजपेयी जी समाज के अंतिम व्यक्ति के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध थे। इसी संकल्पना के आधार पर उन्होंने जनजातीय कार्य मंत्रालय का अलग से गठन किया। साथ ही अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग का पृथक-पृथक गठन किया। साथ ही सामाजिक न्याय मंत्रालय की भी संरचना की।
राज्यपाल ने अपने पुराने अनुभव साझा करते हुए कहा कि श्री वाजपेयी जी के नेतृत्व में उन्हें राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्य के रूप में काम करने का अवसर प्राप्त हुआ। साथ ही उन्होंने एक सांसद के रूप में राज्यसभा में जाने का मौका दिया। राज्यपाल ने कहा कि श्री वाजपेयी जी की संकल्पना थी कि समाज के निचले तबके को आगे बढ़ने का मौका मिले। इसलिए उन्होंने सभी वर्ग के लोगों को काम करने का अवसर प्रदान किया।
राज्यपाल ने बताया कि श्री वाजपेयी जी महिला आयोग के हिमाचल प्रदेश में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुई तब वहां के लोगों ने उनके सामने समाज में महिलाओं के संबंध में कुरीतियों से ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने कहा कि जब कोई रीति कुरीति बन जाती है तब उन्हें कानून से रोका जाना चाहिए।
राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि अटल जी, जननायक व राजनीतिज्ञ के साथ-साथ सहज सौम्य व्यक्तित्व के धनी थे। उनके प्रत्येक विचार, किसी पार्टी या विशेष व्यक्ति के हित में ना होकर संपूर्ण राष्ट्रमंगल की भावना से ओत प्रोत होते थे। वे कहते थे ‘‘देश एक मंदिर है, हम पुजारी हैं, राष्ट्रदेव की पूजा में हमें खुद को समर्पित कर देना चाहिए।’’ वे भारतीय राजनीति के वास्तविक अजातशत्रु रहे और वर्तमान पक्ष-विपक्षी दलों को उनके व्यक्तित्व के आदर्शो को आत्मसात् करने का प्रयास करना चाहिये। यह उनकी असल अटल पहचान है। उनके जाने के बाद विराट और उत्कृष्ट व्यक्तित्व के जननायक की कमी हम सबको खलती है। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी श्री वाजपेयी जी के समावेशी संकल्पना के पद चिन्हों पर चल रहे हैं।
इस अवसर पर पूर्व सांसद एवं प्रसिद्ध चिंतक डॉ. महेश शर्मा, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति डॉ. प्रकाशमणि त्रिपाठी ने भी उद्बोधन दिया। अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य अरूण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने स्वागत उद्बोधन दिया।

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