सिलीगुड़ी कॉरिडोर पर मंडरा रहा खतरा: असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की चेतावनी

समग्र समाचार सेवा
गुवाहाटी, 22 अगस्त: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को देश की सुरक्षा को लेकर एक गंभीर चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि सिलीगुड़ी कॉरिडोर (चिकन्स नेक), जो पूर्वोत्तर भारत को शेष देश से जोड़ता है, पर विदेशी तत्व सक्रिय रूप से असर डालने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि बांग्लादेश में मौजूद कुछ तत्व स्थानीय निवासियों को उनकी जड़ों का हवाला देकर भड़काने का प्रयास कर रहे हैं, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा साबित हो सकता है।

दीवारों पर लिखे संदेश और बढ़ती चिंताएँ

सरमा ने पत्रकारों को बताया कि हाल ही में धुबरी की यात्रा के दौरान उन्होंने एक दीवार पर लिखा संदेश देखा, जिसमें स्थानीय लोगों से बांग्लादेश के प्रति निष्ठा दिखाने की अपील की गई थी। उन्होंने कहा,
“चिकन्स नेक क्षेत्र बेहद संवेदनशील है। यहाँ रहने वाले अधिकांश लोग 1951 या 1971 से पहले बांग्लादेश से आए थे और अब भारतीय नागरिक बन चुके हैं। लेकिन बांग्लादेशी तत्व उन्हें याद दिलाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे मूल रूप से भारतीय नहीं हैं।”

सुरक्षा पर मंडरा रहा खतरा

सीएम ने कहा कि यह एक सुनियोजित रणनीति है, जिसका उद्देश्य स्थानीय लोगों में बांग्लादेश समर्थक भावना भड़काना है। उन्होंने आगाह किया कि अगर यह प्रयास सफल होता है, तो यह न केवल असम बल्कि पूरे देश की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती होगी।

कानूनी स्थिति और नागरिकता अधिनियम

असम समझौता और नागरिकता अधिनियम के तहत, 24 मार्च 1971 से पहले बांग्लादेश से आए लोग भारतीय नागरिक माने जाते हैं। वहीं, इसके बाद आने वालों को अवैध प्रवासी घोषित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संवेदनशील क्षेत्र में किसी भी प्रकार की विदेशी घुसपैठ या मानसिक प्रभाव को रोकने के लिए सरकार सख्त कदम उठा रही है।

आधार कार्ड पर नया प्रतिबंध

सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए असम मंत्रिमंडल ने बड़ा निर्णय लिया है। आने वाले एक वर्ष तक, अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और चाय बागान समुदाय के लोगों को छोड़कर 18 वर्ष से अधिक आयु के किसी भी व्यक्ति को नया आधार कार्ड जारी नहीं किया जाएगा
सरकार का मानना है कि यह कदम अवैध विदेशियों को आधार कार्ड बनवाने से रोकने में मदद करेगा और सुरक्षा को मजबूत करेगा।

हिमंत बिस्वा सरमा की चेतावनी ने एक बार फिर यह साफ कर दिया है कि सिलीगुड़ी कॉरिडोर सिर्फ भौगोलिक रूप से ही नहीं, बल्कि रणनीतिक रूप से भी बेहद अहम है। अगर इस क्षेत्र में विदेशी प्रभाव बढ़ता है तो यह पूर्वोत्तर भारत की सुरक्षा और भारत की अखंडता के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है।

 

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