ताइवान को लेकर चीन-अमेरिका के बीच तनातनी तेज, महायुद्ध की तैयारी में है दो महाशक्तियां

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3अगस्त। अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे को लेकर चीन बौखलाया हुआ है, इस तरह से आशंका जताई जा रही है कि क्या दुनिया की दो महाशक्तियों- चीन और अमेरिका के बीच युद्ध हो सकती है. इसकी वजह है कि जो बाइडेन से फोन पर की गई बातचीत के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चेतावनी के लहजे में कहा था कि आग से खेलने की भूल ना करें. इसके बावजूद नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा को लेकर चीन बौखलाया हुआ है और लगातार आक्रामक प्रतिक्रिया जाहिर कर रहा है. इतना ही नहीं चीन ने ताइवान की सीमा के पास अपना सैन्य बेड़ा भी युद्धाभ्यास के नाम पर उतार दिया है. हालांकि, चीनी सेना ने कहा है कि वह चार दिन का युद्धाभ्यास करेगी.
बौखलाए चीन ने ताइवान पर लगाए ये प्रतिबंध
पेलोसी की यात्रा से बौखलाए चीन ने ताइवान में पेस्ट्री, पके हुए माल और मिठाई का उत्पादन करने वाली कई ताइवानी कंपनियों पर आर्थिक प्रतिबंधों और आयात प्रतिबंधों की भी घोषणा की है. मंगलवार को, चीन ने ताइवान की कई खाद्य कंपनियों के उत्पादों के आयात को अस्थायी रूप से रोक दिया है.
फोकस ताइवान के मुताबिक ताइवान की कृषि परिषद (सीओए) ने बताया कि ब्लैक लिस्ट में डाली गई कंपनियों में चाय की पत्ती, सूखे मेवे, शहद, कोकोआ बीन्स और सब्जियों के उत्पादकों के साथ-साथ मछली पकड़ने वाले लगभग 700 जहाज भी शामिल हैं.
अमेरिका ने पेलोसी की ताइवान यात्रा की पल-पल मॉनीटरिंग कर रहा है. तो वहीं, चीन इसे अपनी अंदरूनी मामले में दखल मान रहा है. चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, ”नैंसी के ताइवान दौरे से अलगावादी गुटों में गलत संदेश गया है. हमारे कड़े विरोध के बाद भी नैंसी ने ताइवान का दौरा किया है. यह चीन के सिद्धांत की नीति का उल्लंघन है. इससे चीन और अमेरिका के संबंधों पर गहरा असर पड़ा है और इससे ताइवान में शांति पर भी असर पड़ेगा. चीन के इस बयान को बड़े परिप्रेक्ष्य में देखा जा रहा है.

अमेरिकी व्हाइट हाउस सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने चीन के बयान पर प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि हमने किसी भी नीति का उल्लंघन नहीं किया है. किर्बी ने कहा, ”नैंसी की यात्रा की पूरी तरह से निगरानी की जा रही है. हमने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं और हमारे स्पीकर की यात्रा पूरी तरह से इन चाइना पॉलिसी के अनुरूप ही है. वन चाइना पॉलिसी में इस यात्रा से कुछ भी नहीं बदला है.

इसी बीच चीन ने अमेरिकी राजदूत को तलब किया है और उनसे पेलोसी की यात्रा के बारे में कहा है कि मना करने के बावजूद पेलोसी की यात्रा समझ से परे है. चीन ने चेतावनी के लहजे में कहा है कि पेलोसी आग से खेल रही हैं और अमेरिका को इस गलती का खामियाजा भुगतना पड़ेगा. चीन के उप विदेश मंत्री झी फेंग ने चीन में अमेरिकी राजदूत निकोलस बर्न्स को तलब कर यह बात कही. वहीं ताइवान ने भी कहा है कि वह अपनी सीमा के पास चीनी सेना की गतिविधियों पर बारीकी से नजर रखे हुए है.

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