समग्र समाचार सेवा
पटना, 25 जुलाई: बिहार विधानसभा के मॉनसून सत्र के 5वें दिन भी विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के मुद्दे को लेकर विपक्षी विधायकों की तीखी प्रतिक्रिया जारी रही। इस बीच राजद नेता राबड़ी देवी और अन्य कांग्रेस व राजद विधायकों ने विधानसभा परिसर में चुनाव आयोग द्वारा लागू SIR के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
राबड़ी देवी का तीखा आरोप
राजद की वरिष्ठ नेता राबड़ी देवी ने बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी पर तीखा हमला करते हुए कहा कि, “वह बचपन से बोरिंग रोड पर गुंडागर्दी करते थे… लड़कियों को छेड़ते थे।” राबड़ी देवी ने आगे कहा कि बिहार की जनता और गरीबों का सवाल है, इस सत्र में विरोध जारी रहेगा। उनका कहना था कि जो लोग बाहर गए हैं, उन्हें वोटर आईडी कार्ड नहीं मिलेगा और वे वोट से वंचित हो जाएंगे। इसलिए हम लोग घेराव कर रहे हैं।
#WATCH | Patna | On Bihar Dy CM Samrat Choudhary, RJD leader Rabri Devi says, "He used to do hooliganism since childhood at Boring Road… I have seen him since his childhood. He used to harass girls there…" pic.twitter.com/HET4g7IXxU
— ANI (@ANI) July 25, 2025
विधानसभा में ‘जूतम-पैजार’ जैसी स्थिति
तेजस्वी यादव के संबोधन के दौरान राजद और भाजपा-जदयू विधायकों के बीच तीखी बहस शुरू हुई, जो जल्द ही हाथापाई तक पहुँच गई। सबसे पहले तेजस्वी यादव और सम्राट चौधरी के बीच तीखा वाक् युद्ध हुआ। दोनों दलों के विधायक खड़े होकर आमने-सामने बहस करने लगे।
स्थिति बिगड़ने पर विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव को हस्तक्षेप करना पड़ा। तेजस्वी यादव आरोप लगा रहे थे कि मतदाता सूची की जांच में फर्जीवाड़ा हो रहा है। इसी बीच सम्राट चौधरी ने तेजस्वी को चुनौती देते हुए कहा: “जिसका बाप अपराधी हो, जेल गया हो, वो तय करेगा कि क्या सही है, क्या गलत है?” उन्होंने तेजस्वी को ‘लुटेरा’ तक कह दिया।
तेजस्वी यादव ने जवाबी हमला करते हुए कहा कि सम्राट चौधरी कौन होते हैं यह तय करने वाले कि कौन सही है? दोनों नेताओं के बीच “आप कौन हो…” की तूल पकड़ने वाली बहस तीव्र हो गई
भाजपा विधायकों की भूमिका और आगे का फसाद
बहस के दौरान भाजपा विधायक जनक सिंह ने भी बोलना शुरू कर दिया। तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि जनक सिंह उन्हें मां‑बहन संबंधी भद्दी गालियाँ दे रहे थे। उन्होंने तीखे अंदाज में विरोध जताते हुए कहा कि “इतनी जोर से बोलोगे तो पैंट गीली हो जाएगी”।
इसके बाद स्थिति पूरी तरह बिगड़ गई और थोड़ी-बहुत हाथापाई जैसी स्थिति उत्पन्न हुई। स्थगन से पहले सदन में उग्र माहौल देख विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को स्थगित कर दिया और अपनी कुर्सी से उठकर सदन से बाहर चले गए।
विधानसभा सुरक्षा पर उठे सवाल
इस पूरे घटनाक्रम ने विधानसभा भीतर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा करने की आवश्यकता उत्पन्न कर दी है। विशेष गहन पुनरीक्षण के मुद्दे पर की जा रही तीखी बहस, सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सीधे टकराव, और व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप ने राजनीतिक सेंसेशन पैदा कर दिया है।
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