समग्र समाचार सेवा,
गुवाहाटी, 6 जून: असम में लगातार हो रही बारिश और नदियों के उफान के कारण बाढ़ की स्थिति बेहद गंभीर हो गई है। शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बुलेटिन के अनुसार, राज्य के 16 जिलों में 5,61,644 से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। अब तक बाढ़ और भूस्खलन से कुल 21 लोगों की मौत हो चुकी है।
बृहस्पतिवार को दो और लोगों की मौत की पुष्टि के साथ इस साल मानसून की शुरुआत से अब तक जान गंवाने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।
1,400 से ज्यादा गांव डूबे, 175 राहत शिविर सक्रिय
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के अनुसार, राज्य के 16 जिलों के 57 राजस्व क्षेत्र और 1,406 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। अब तक 41,000 से अधिक विस्थापितों को राहत शिविरों में शरण दी गई है। राज्य में 175 राहत शिविर और 210 राहत केंद्र सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।
ASDMA ने बताया कि श्रीभूमि जिले में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लोगों के बचाव और निकासी अभियान में दिन-रात लगी हुई हैं।
ब्रह्मपुत्र और कोपिली नदियों में उफान, वन्यजीव संकट में
बाढ़ का प्रभाव सिर्फ इंसानों तक सीमित नहीं रहा। मोरीगांव जिले के पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा जलमग्न हो गया है। ब्रह्मपुत्र और कोपिली नदियों के उफान के कारण यहां रहने वाले गैंडे और अन्य वन्यजीवों को सुरक्षित ऊंचे स्थानों की ओर पलायन करना पड़ रहा है।
वन विभाग ने वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए गश्त तेज कर दी है, विशेष रूप से रात के समय। विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि शिकारी बाढ़ की स्थिति का फायदा न उठा सकें। साथ ही, जानवरों को भोजन और सुरक्षित आश्रय प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
शहरी बाढ़ से 3,348 लोग प्रभावित
ASDMA के बुलेटिन में बताया गया है कि राज्य के दो जिलों में 3,348 लोग शहरी बाढ़ की चपेट में हैं। निचले इलाकों में जलभराव के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
गुवाहाटी क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने शुक्रवार को बताया कि अगले 24 घंटे में राज्य के 18 जिलों में गरज के साथ बारिश होने की संभावना है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं।
मुख्यमंत्री का दूसरी बार दौरा, राहत कार्यों की समीक्षा
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के लिए इस सप्ताह दूसरी बार बराक घाटी का दौरा करेंगे। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि सरकार राहत और बचाव कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
स्थानीय प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और स्वास्थ्य विभाग को हाई अलर्ट पर रखा गया है। जरूरतमंद क्षेत्रों में खाद्य सामग्री, दवाइयां और पेयजल की आपूर्ति लगातार की जा रही है।
असम इस समय प्राकृतिक आपदा के संकट से गुजर रहा है। प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि बाढ़ प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता मिल सके। हालांकि, मौसम विभाग की चेतावनी और नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी को देखते हुए आने वाले दिन और भी चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं।
सभी एजेंसियों और आम जनता से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
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