समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 29नवंबर। ईरान में महसा अमिनी की मौत के बाद से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. देश में हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन अभी भी जारी है. यह प्रदर्शन अब 100 से अधिक शहरों में फैल चुका है. वहां की सरकार इससे निपटने के लिए अलग-अलग तरीके अपना रही है. प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की जा रही है. उस पर आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं. लोगों को डिटेन किया जा रहा है. प्रदर्शनकारियों की आंखों को निशाना बनाया जा रहा है.
वहां की पुलिस पैलेट और बुलेट गन का इस्तेमाल कर प्रदर्शनकारियों को काबू में करने की कोशिश कर रही है. इससे कई लोगों के आंखों की रोशनी चली गई है. प्रदर्शनकारी ऐसा कर भी ईरानी सरकार को चुनौती देना चाहते हैं. इसके लिए वह अलग-अलग तरीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो ईरान में सख्त मना है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए ईरान की सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है. पिछले दो महीने से जारी इस प्रदर्शन में 500 से अधिक लोग अपनी आंखों की रोशनी गवां चुके हैं. प्रदर्शनकारियों पर पैलेट और बुलेट गन का इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे वहां के युवा आहत हो रहे हैं. सैंकड़ों की संख्या में वहां के युवा आंखों का इलाज कराने के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं.
उधर, प्रदर्शनकारी भी सरकार को चिढ़ाने के लिए वो हर कोशिश कर रही है, जो ईरान में इससे पहले कभी नहीं होता था. लड़कियां हिजाब पहनना छोड़ दिया है. लोग सरेआम किस करते नजर आ रहे हैं. प्रदर्शनकारी वो हर काम कर रहे हैं, जो ईरान में मनाही है. इससे वहां की सरकार और चिढ़ रही है और प्रदर्शनकारियों पर अलग-अलग तरीकों से जुर्म कर रही है.
16 सितंबर को 22 साल की महसा अमिनी की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी. इसके बाद से ईरान में काफी आक्रोश फैल गया और जमकर विरोध-प्रदर्शन हुए, जो अभी तक जारी हैं. दरअसल, अमिनी को सही तरीके से हिजाब न पहनने के आरोप में हिरासत में लिया गया था. इसके बाद 16 सितंबर को हिरासत में ही उसकी मौत हो गई थी.
इसके बाद वहां की सरकार ने यह दावा किया है कि अमिनी के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया गया, जबकि अमिनी के परिवार का कहना है कि उसके शरीर पर चोट व पिटाई के निशान थे. तब से देश में प्रदर्शन जारी है. अब तक 350 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
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