समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24 जुलाई: भारतीय राजनीति में मुखर आवाज़ के लिए जानी जाने वाली स्मृति ईरानी ने इस बार एक बेहद संतुलित और आत्मविश्लेषण से भरा बयान दिया है। कभी राहुल गांधी पर तीखे राजनीतिक हमलों के लिए जानी जाने वाली भाजपा नेता ने अब खुद ही स्वीकार किया है कि अब वह कांग्रेस नेता को लेकर वैसी राजनीतिक प्रतिस्पर्धा महसूस नहीं करतीं।
“अब राहुल गांधी को लेकर हमला करने की ज़रूरत नहीं”
आजतक को दिए गए एक विशेष इंटरव्यू में स्मृति ईरानी ने कहा कि 2024 के आम चुनावों में राहुल गांधी ने अमेठी से चुनाव नहीं लड़ा, इसलिए अब उन पर हमला करना कोई मायने नहीं रखता। उन्होंने साफ कहा, “मैं उनके पीछे नहीं भाग सकती।”
2019 में अमेठी से राहुल गांधी को हराने वाली स्मृति ईरानी अब मानती हैं कि गांधी परिवार ने जब अमेठी छोड़ दी, तो उस राजनीतिक लड़ाई का महत्व भी कुछ हद तक खत्म हो गया।
“मैंने अमेठी को छोड़ा नहीं, अमेठी ने नहीं छोड़ा”
स्मृति ईरानी ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने अमेठी में 2014 से 2019 तक लगातार विकास कार्यों में भाग लिया। “अगर कोई कहे कि मैंने अमेठी के लिए काम नहीं किया, तो मुझे दुख होता है,” उन्होंने भावुक स्वर में कहा। ईरानी ने गाँव-गाँव जाकर बिजली, आवास और शिक्षा से जुड़े कार्यों का हवाला भी दिया।
2024 में अमेठी से हार को लेकर उन्होंने कहा, “काम और राजनीतिक समीकरण में फ़र्क़ होता है।” यह बयान राजनीतिक हार के बावजूद उनकी ज़मीन से जुड़ी प्रतिबद्धता को दर्शाता है
“मैंने राहुल को हराया है, इसलिए अब मुझे चिढ़ाया जाएगा”
ईरानी ने इंटरव्यू में यह भी कहा कि राजनीति सिर्फ सत्ता का खेल नहीं, बल्कि समाज को दिशा देने का एक माध्यम है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वे राजनीति को जीवन का एक पहलू मानती हैं, न कि सम्पूर्ण जीवन। “मैं राष्ट्रीय राजनीति में इसलिए आई क्योंकि मुझे लगा कि बदलाव की ज़रूरत है,” उन्होंने कहा।
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