समाज विकास नहीं कर सकता, अगर आप 50 प्रतिशत मानवता को न्याय नहीं देते- उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति ने बिट्स, पिलानी के छात्रों, कर्मचारियों और संकाय सदस्यों को संबोधित किया
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27सितंबर।भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज इस बात पर जोर दिया कि जब तक पचास प्रतिशत मानवता के लिए न्याय सुनिश्चित नहीं किया जाता तब तक समाज का विकास नहीं हो सकता। नारी शक्ति वंदन अधिनियम को एक ‘युगीन विकास’ के रूप में पारित करने की सराहना करते हुए, उपराष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि यह विधेयक महिलाओं के अधिकारों की मान्यता और उनके अधिकार की पुष्टि है।
आज राजस्थान में बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स) पिलानी के छात्रों और संकाय सदस्यों को संबोधित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा को सबसे ‘प्रभावी और प्रभावशाली’ तंत्र बताया, जिससे भारत के विकास में तेजी आएगी।
लोकतंत्र में परिवर्तन के एजेंट और हितधारकों के रूप में छात्रों की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने उनसे अपने ‘प्रतिनिधियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जवाबदेही और नागरिक भागीदारी के महत्व को सुदृढ़ करते हुए प्रत्येक नागरिक को संसद में याचिका प्रस्तुत करने का अधिकार है।
जी-20 की अध्यक्षता में भारत की सफलता पर प्रकाश डालते हुए, जगदीप धनखड़ ने इस बात पर जोर दिया कि जी-20 सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ को शामिल करना भारत के सभ्यतागत लोकाचार के साथ गहराई से मेल खाता है। भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) पर हस्ताक्षर को वैश्विक ‘गेमचेंजर’ के रूप में स्वीकार करते हुए, उपराष्ट्रपति ने रेखांकित किया कि प्रधान मंत्री के नेतृत्व में भारत द्वारा निभाई गई भूमिका ने ‘ग्लोबल साउथ’ को विश्व मंच पर एक मजबूत आवाज दी है।.
एक दशक की अवधि में वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के बीच ‘फ्रैजाइल फाइव’ के सदस्य से ‘बिग फाइव’ में भारत के परिवर्तन पर विचार करते हुए, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने वैश्विक मंच पर डिजिटल लेनदेन एवं वित्तीय समावेशन में भारत की उपलब्धियों को प्राप्त व्यापक प्रशंसा की ओर ध्यान आकर्षित किया।
भ्रष्टाचार को ‘लोकतंत्र और विकास का हत्यारा’ करार देते हुए, उपराष्ट्रपति ने बताया कि हाल के वर्षों में, सत्ता के दलालों के प्रभाव वाले सत्ता गलियारों को बेअसर करने के लिए महत्वपूर्ण प्रगति की गई है। इस बात पर जोर देते हुए कि कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है, जगदीप धनखड़ ने नागरिकों से ‘हमारे संस्थानों को कलंकित करने, बदनाम करने और कमजोर करने वाले भारत विरोधी वक्तव्यों का सक्रिय रूप से मुकाबला करने का आह्वान किया।
कार्यक्रम के दौरान, उपराष्ट्रपति ने अनुसंधान और विकास के सर्वोपरि महत्व को रेखांकित किया, उन विचारों की प्रधानता पर जोर दिया जो नवाचार का मार्ग प्रशस्त करते हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि बिट्स पिलानी के पांच प्रशिक्षु संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में राज्यसभा के सभापति की सहायता करेंगे।
अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय कानून और न्याय, संसदीय कार्य और संस्कृति राज्य मंत्री, प्रोफेसर वी. रामगोपाल राव, कुलपति, बिट्स पिलानी, प्रोफेसर सुधीरकुमार बरई, निदेशक, बिट्स पिलानी के संकाय सदस्य, छात्र और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे ।
You are the ultimate stakeholders in Democracy!
You are thinking minds, you are discerning minds. Your thought process matters.
अगर आपको लगता है की Parliament में गतिविधि ठीक नहीं चल रही है और आपका public representative ठीक काम नहीं कर रहा है- do not stay silent, अपने विचार को… pic.twitter.com/73aEGEYDz0
— Vice President of India (@VPIndia) September 27, 2023
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