पुलिस जवानों के समर्पण और कर्तव्यपरायणता से समाज को मिल रही सुरक्षा: राज्यपाल सुश्री उइके

समग्र समाचार सेवा
रायपुर, 21 अक्टूबर। पुलिस के जवान मातृभूमि की सेवा के लिये अपने जीवन की भी परवाह नहीं करते हैं। हम आज अपने घरों में सुरक्षित हैं, क्योंकि पुलिस के जवान दिन-रात पूरे समर्पण भाव से अपनी ड्यूटी में तैनात रहते हैं। आज पुलिस स्मृति दिवस का अवसर उन वीर जवानों के शौर्य की याद दिलाता है, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए सब कुछ न्यौछावर कर दिया। उक्त बातें राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज चौथी वाहिनी, छसबल माना रायपुर के प्रांगण में पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने शहीद जवानों एवं उनके माता-पिता को नमन किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री ने पुलिस के शहीद जवानों को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने शहीद पुलिस जवानों के परिजनों से मुलाकात कर ढाढस बंधाया और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।

राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के बावजूद हमारे पुलिस के जवान मोर्चे पर तैनात थे। कुछ जवान, कोरोना संक्रमित भी हो गए और इस बीमारी के कारण कुछ जवानों ने अपने प्राणों की आहूति भी दी।

राज्यपाल ने कहा कि पुलिस का काम अपेक्षाकृत अधिक जिम्मेदारी का काम होता है। उनमें जवाबदेही ज्यादा होती है। एक तरफ वे कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए शासन के निर्देशों के अनुरूप कार्य करते हैं। दूसरी तरफ उनकी जिम्मेदारी या कर्तव्य होता है कि समाज में व्यवस्था बनी रहे और नागरिकों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि इन जिम्मेदारियों के मध्य समन्वय बनाना एक कठिन कार्य है। इस कारण उन्हें कभी कभार मानसिक तनाव का भी सामना करना पड़ता है। उन्होंने आम जनता से आग्रह किया कि पुलिसकर्मियों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण रखें, उनके कार्यों में मदद करें। पुलिस के जवान भी अपने परिवार को छोड़ कर कार्य कर रहे हैं। उनसे परिवार के एक सदस्य की भांति व्यवहार करें, उन्हें सम्मान दें। राज्यपाल ने कहा कि आपके दो मीठे बोल, उनके व्यवहार में कितना परिवर्तन लाएंगे। यह सद्व्यवहार, उनकी सारी थकान को दूर कर देगी और वे आपके प्रति अच्छा व्यवहार करेंगे ही, साथ ही अपनी ड्यूटी दोगुने जोश से करेंगे।

सुश्री उइके ने कहा कि हमारा प्रदेश नक्सल समस्या से जूझ रहा है। इन क्षेत्रों में तैनात हमारे जवान, साहस के साथ नक्सलियों का सामना कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा कार्य के साथ ही वहां के भटके हुए लोगों को मुख्यधारा में जोड़ने का भी कार्य करते हैं। इन सब प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जागरूकता आई है और मुझे आशा है कि हमारा प्रदेश जल्द नक्सल समस्या से मुक्त होगा।

 

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