देश में अल्पसंख्यकों के सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक, धार्मिक और अन्य अधिकार पूरी तरह सुरक्षित हैं- मुख्तार अब्बास नकवी
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19दिसंबर। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि भारत में महिलाओं की स्वतंत्रता, गरिमा, सशक्तिकरण और संवैधानिक समानता पर “तालिबानी मानसिकता” को सहन नहीं किया जाएगा। श्री नक़वी नई दिल्ली में आज राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग-एनसीएम द्वारा आयोजित कार्यक्रम “अल्पसंख्यक दिवस उत्सव” को संबोधित कर रहे थे।
श्री नकवी ने कहा कि जो लोग तीन तलाक की सामाजिक बुराई को अपराध बनाने का विरोध करते हैं या केवल मेहरम के साथ हज करने के लिए मुस्लिम महिलाओं पर प्रतिबंध हटाने पर सवाल उठाते हैं और अब महिलाओं की शादी की उम्र के संबंध में संवैधानिक समानता पर हंगामा कर रहे हैं, वे निश्चित रूप से भारतीय संविधान का विरोध करने वाले “पेशेवर प्रदर्शनकारी” हैं।
श्री नकवी ने कहा कि सरकार ने मर्यादा के साथ विकास का संकल्प कर ‘तुष्टीकरण के धोखे’ को समाप्त किया है। उन्होंने कहा कि भारतीयों, विशेष रूप से बहुसंख्यक समुदाय की संवैधानिक और सामाजिक प्रतिबद्धता ने यह सुनिश्चित किया है कि देश में अल्पसंख्यकों के सामाजिक-आर्थिक-शैक्षिक, धार्मिक और अन्य अधिकार पूरी तरह सुरक्षित हैं।
उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ दुनिया के लगभग सभी धर्मों को मानने वाले भारत में रहते हैं; दूसरी ओर, देश में बड़ी संख्या में नास्तिक भी गरिमा और समान संवैधानिक और सामाजिक अधिकारों के साथ रह रहे हैं।
मंत्री महोदय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने पिछले 7 वर्षों के दौरान “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास” की प्रतिबद्धता के साथ काम किया है, जिसने देश के अल्पसंख्यकों सहित समाज के सभी वर्गों के महत्वपूर्ण सुधार और समावेशी विकास को सुनिश्चित किया है।
श्री नकवी ने देश में अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की।
श्री नकवी ने कहा कि सरकार ने “हुनर हाट” के माध्यम से देश के कोने-कोने से आए स्वदेशी कारीगरों और शिल्पकारों को एक विश्वसनीय मंच प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि इस पहल के माध्यम से पिछले 6 वर्षों के दौरान 7 लाख से अधिक कारीगरों, शिल्पकारों और उनसे जुड़े लोगों को रोजगार और रोजगार के अवसर प्रदान किए गए हैं।
श्री नकवी ने कहा कि केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं से अल्पसंख्यकों को भी अत्यधिक लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि “मुद्रा योजना”, “जन धन योजना”, “आयुष्मान भारत योजना”, “किसान सम्मान निधि”, “उज्ज्वला योजना”, “स्वच्छ भारत मिशन”, पेयजल और बिजली योजनाओं के लगभग 22 से 37 प्रतिशत लाभार्थी कमजोर और पिछड़े अल्पसंख्यक वर्ग से संबंधित हैं।
एनसीएम के उपाध्यक्ष श्री आतिफ रशीद, एनसीएम सदस्य श्री केर्सी के देबू और एनसीएम सचिव श्री एस के देव वर्मन भी इस अवसर पर उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में भारत के अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों के 400 से अधिक नेताओं और सदस्यों ने भाग लिया।
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