लिंचिंग में मारा गया था बेटा, 7 बार के कांग्रेसी विधायक को पिता ने हराकर लिया बदला!

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 4दिसंबर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के नतीजें 3 दिसंबर को जारी हो गए हैं और राज्य में भाजपा ने बंपर जीत हासिल की है. चुनाव परिणाम से पहले तक कांग्रेस भूपेश बघेल के नेतृत्व में आसान जीत की उम्मीद लगाए बैठी थी. हालांकि, चुनावी नतीजों ने सब कुछ उलट दिया. छत्तीसगढ़ चुनाव परिणाम में सबसे ज्यादा चर्चा साजा विधानसभा सीट की हो रही है, जहां एक आम आदमी ईश्वर साहू ने भाजपा के टिकट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता और भूपेश सरकार में मंत्री रविंद्र चौबे को हरा दिया.

बेटे को खोने की कहानी
छत्तीगसढ़ के बेमेतरा जिले में आने वाले साजा क्षेत्र में इसी साल अप्रैल महीने में सांप्रदायिक हिंसा की खबर आई थी. जिसमें कि ईश्वर साहू के बेटे भुवनेश्वर साहू की मौत हो गई थी. बेटे को खोने वाले ईश्वर साहू को भाजपा ने कांग्रेस के दिग्गज रविंद्र चौबे के खिलाफ साजा सीट से टिकट दिया था. कहा जाता है कि उन्होंने भावनात्मक ढंग से यह चुनाव लड़ा और शानदार जीत दर्ज की.

सीट पर साहू वोटर्स की अच्छी संख्या
छत्तीगसढ़ की साजा सीट पर करीब 60 हजार साहू वोटर हैं जो कि निर्णायक साबित होते हैं. भाजपा ने इन वोटरों को ईश्वर साहू के पक्ष में करने की पूरी कोशिश की और जब चुनाव के परिणाम आए तो ईश्वर साहू को कुल 101789 वोट मिले. उन्होंने कांग्रेस के रविंद्र चौबे को 5297 वोटों से हराया. रिपोर्ट की मानें तो ईश्वर साहू ने अपने जीवन में सरपंच का भी चुनाव नहीं लड़ा है.
ईश्वर साहू की जीत पर क्या बोली बीजेपी?

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव बीएल संतोष ने भी ईश्वर साहू की जीत की चर्चा की. उन्होंने लिखा है- ये छत्तीसगढ़ भाजपा के विधानसभा उम्मीदवार ईश्वर साहू हैं. इन्होंने कांग्रेस के 7 बार के विधायक रविंद्र चौबे को हराया. इनका बेटा भीड़ की हिंसा में मारा गया और हमेशा की तरह कांग्रेस दंगाइयों का समर्थन कर रही थी. आज ईश्वर ने लोकतांत्रिक लड़ाई में अन्याय का बदला लिया। बधाई हो.

गृह मंत्री शाह ने कहा था-हम दिलाएंगे न्याय
गृह मंत्री अमित शाह ने ईश्वर के लिए यहां सभा की थी. सभा में शाह ने कहा था कि भुनेश्वर साहू को न्याय दिलाने की जिम्मेदारी हमारी है. किसी को भी कानून के साथ खिलवाड़ करने की छूट नहीं है. हत्या के जिम्मेदारों को सलाखों के पीछे जरूर पहुंचाएंगे.

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